script

छोटी बचत पर कैंची से न घबराएं, निवेश के लिए ये हैं बेहतर विकल्प

Published: Jul 13, 2017 07:05:00 pm

Submitted by:

manish ranjan

छोटी बचत योजनाओं के ब्याज पर सरकार लगातार कैंची चला रही है। 1 जुलाई से सितंबर तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं पर 10 आधार अंक यानी 0.1 फीसदी की कटौती की गई। आगे भी ब्याज दरों में गिरावट की पूरी उ मीद है क्योंकि बैंकों के पास लिक्विडिटी की कोई कमी नहीं है, मानसून बेहतर होने से महंगाई और नीचे जा सकती है।

Small savings

Small savings

नई दिल्ली। छोटी बचत योजनाओं के ब्याज पर सरकार लगातार कैंची चला रही है। 1 जुलाई से सितंबर तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं पर 10 आधार अंक यानी 0.1 फीसदी की कटौती की गई। आगे भी ब्याज दरों में गिरावट की पूरी उ मीद है क्योंकि बैंकों के पास लिक्विडिटी की कोई कमी नहीं है, मानसून बेहतर होने से महंगाई और नीचे जा सकती है। ऐसा होने पर भारतीय रिजर्व बैंक रेपो रेट में फिर से कटौती करेगा। इसके बाद बैंक और लोन सस्ता करेंगे। बैंकों की ओर से लोना सस्ता होने से डिपॉजिट पर ब्याज दरें कम होंगी। लेकिन अगर आप एक जागरूक निवेशक हैं तो इस ब्याज की कटौती से आपको घबराने की जरूरत नहीं। मार्केट में कई निवेश के दूसरे विकल्प मौजूद जिसमें आप निवेश कर शानदार रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। 


स्मॉल सेविंग्स पर घटेंगी ब्याज दरें : भारत में मुद्रास्फीति गिरावट की ओर है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 2012 में 10 फीसदी से घटकर 2.99 फीसदी पर पहुंच गया है। मानसून अभी तक अच्छा है और आगे भी बेहतर रहने की उ मीद है। इससे मुद्रास्फीति नीचे जाएगी। लोन की मांग अभी बढऩी है। संक्षेप में, ब्याज दरें नहीं बढऩे की संभावना है, और गिरावट संभव है।


डेट फंड अच्छा विकल्प
अगर आप फिक्स्ड डिपॉजिट में लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो आपके लिए डेट फंड अच्छा विकल्प है। युचुअल फंड का डेट फंड निवेशकों का पैसा डेट इंस्ट्रूमेंट्स में लगाते हैं। डेट इंस्ट्रूमेंट्स से मतलब- बॉन्ड, डिबेंचर्स, सरकारी सिक्योरिटीज आदि हैं। डेट फंड कई तरह के होते हैं जैसे लिक्विड फंड, अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड, शॉर्ट टर्म फंड, गिल्ट फंड, इनकम फंड, क्रेडिट ऑप्युर्चनिटी फंड, मंथली इनकम प्लान और फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान। 


एफडी पर कम हुई ब्याज दरें
बैंकों में लिक्विडिटी बढऩे से पिछले छह महीनों में सभी बैंकों ने फिक्स डिपॉजिट पर ब्याज दरों में ०.५ से एक फीसदी तक की कमी की है। बैंक अलग-अलग समयावधि के लिए ५ से लेकर 7 फीसदी तक ब्याज दे रहा है।


छोटी अवधि के लिए लिक्विड फंड
बहुत कम वक्त के लिए निवेश करने वाले फंड लिक्विड फंड कहलाते हैंं। अगर आप अपने पैसे को सेविंग अकाउंट में रखते हैं तो सिर्फ 4 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है। वहीं, लक्विड फंड 8 फीसदी तक ब्याज देता है। लक्विड फंड में कुछ दिन से लेकर कुछ ह ते तक के लिए निवेश संभव होता है। इन फंड में कोई एक्जिट लोड नहीं लगता है। लिक्विड फंड से रकम तुरंत बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाती है। ये फंड बहुत कम वक्त की सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं और रिस्क कम होता है।

ट्रेंडिंग वीडियो