अक्सर लोग चेक में ओवर राइटिंग की गलती करते हैं। ये एक सामान्य भूल है, लेकिन बैंक के नियमों के मुताबिक इसे उचित नहीं माना जाता है। इससे खाता धारक पर शक जाता है। अमूमन लोग नाम लिखते समय या साइन करते समय ये गलती करते हैं। इससे बैंक को लगता है कि आप कहीं फर्जी तरीके से तो पैसा नहीं निकाल रहे हैं। इसलिए ऐसा करने से बचें।
कई बार चेक भरते समय एक पेन की रिफील खत्म हो जाने या पेन ठीक से न चलने पर हम उसी चेक में दूसरे पेन से लिख देते हैं। हो सकता है आपने नीले रंग का ही पेन दोनों बार इस्तेमाल किया हो, लेकिन पेन की स्याही से कलर का अंतर आ जाता है। इससे भी आप शक के घेरे में आ जाते हैं। इससे बैंक के सिस्टम में आपके चेक को वेरिफाई करने में दिक्कत आती है।
बहुत से लोग चेक भरते समय इसमे काफी कटिंग करते हैं। इससे बैंक में चेक बाउंस होने का डर रहता है। बार-बार ऐसी गलती होने पर बैंक की तरफ से आप पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। जिसकी फीस आपके अकाउंट से काटी जा सकती है। इसलिए चेक भरते समय इसमें कटिंग न करें।
कई बार ग्राहक चेक से पैसा निकालते समय जितना अमाउंट भरते हैं, उतने रुपए अकाउंट में नहीं होते हैं। इसके चलते भी चेक बाउंस हो जाता है। जिससे अलग—अलग बैंकों में पेनाल्टी के अपने-अपने नियम हैं। इसलिए चेक भरते समय डिटेल्स सही से भरें। अमाउंट डालने से पहले बैलेंस जरूर चेक कर लें।
चेक से पैसा निकालने पर व्यक्ति के हस्ताक्षर सबसे अहम होते हैं। क्योंकि इसी से पैसा निकालने वाले की पहचान होती है। मगर कई बार जल्दबाजी में या बहुत दिनों बाद पैसा निकालने पर खाताधारक अपने साइन भूल जाते हैं। जिस वजह से उनके हस्ताक्षर मिल नहीं पाते हैं। जिससे उन्हें पैसा निकालने में दिक्कत आती है। इसलिए अपने हस्ताक्षर को एक डायरी में बनाकर सुरक्षित रख लें। जिससे आपको ध्यान रहें कि आपने कैसे हस्ताक्षर किए थे।