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महंगाई के कारण आपके सेविंग्स को हो रहा नुकसान, Fixed Deposit में जमा किया पैसा बढ़ने की जगह घट रहा है

बढ़ती महंगाई के चलते लोगों की फिक्स्ड डिपॉजिट अब घाटे का सौदा दिखाई दे रही है। RBI ने कहा कि इस साल महंगाई दर 5.3 फीसदी रहेगी।

नई दिल्लीOct 12, 2021 / 08:12 pm

Arsh Verma

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नई दिल्ली. फिक्स्ड डिपॉजिट यानी FD निवेश का परंपरागत साधन है और ज्यादातर लोग इसमें बड़े पैमाने पर निवेश करते हैं। हालांकि, बढ़ती महंगाई और घटते रिटर्न के कारण नेट आधार पर फिक्स्ड डिपॉजिट अब घाटे का सौदा दिखाई दे रहा है। आज सितंबर के लिए महंगाई का डेटा रिलीज किया गया है।
सितंबर महीने में खुदरा महंगाई दर 4.35 फीसदी रही, 8 अक्टूबर को इस साल की पांचवीं मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा करते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा महंगाई दर 5.3 फीसदी पर रहने का अनुमान जताया है।

RBI ने पिछले हफ्ते चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई दर 5.3 फीसदी के स्तर पर रहने का अनुमान लगाया है। देश का सबसे बड़ा बैंक 1 साल के फिक्स्ड डिपॉजिट पर जो रिटर्न देता है अगर उसे महंगाई दर से तुलना करें तो नेट आधार पर आपको FD पर नेगिटिव रिटर्न मिल रहा है। डिपॉजिटर्स को यहां माइनस 0.30 फीसदा का नुकसान सालाना आधार पर होगा। आसान शब्दों में आपका पैसा बढ़ने की जगह घट रहा है।

5.3 फीसदी रही महंगाई दर:

अगस्त के महीने में खुदरा महंगाई दर 5.3 फीसदी रही थी। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एक साल के एफडी पर 5 फीसदी से 5.50 फीसदी के बीच इंट्रेस्ट दे रहा है। 2-3 साल के फिक्स्ड डिपॉजिट पर 5.10 फीसदी और 3-5 साल की अवधि पर 5.30 फीसदी का इंट्रेस्ट दे रहा है। यह चालू वित्त वर्ष के लिए अनुमानित महंगाई से कम या उसके बराबर है। 5-10 साल के एफडी के लिए इंट्रेस्ट रेट 5.40 फीसदी और सीनियर सिटीजन के लिए यह 6.20 फीसदी है।

SBI, HDFC बैंक कितना दे रहे रिटर्न:

SBI की तरफ HDFC Bank 1-2 साल की फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए 4.90 फीसदी ब्याज दर की पेशकश करता है, जबकि 2-3 साल के लिए यह 5.15 फीसदी है। हालांकि, सरकार द्वारा चलाई जाने वाली छोटी बचत योजनाएं, बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट दरों की तुलना में बेहतर रिटर्न दे रही हैं। छोटी बचत योजनाओं के तहत 1-3 साल की फिक्स्ड डिपॉजिटओं के लिए ब्याज दर 5.5 फीसदी है, जो महंगाई लक्ष्य से अधिक है।

कुछ वक्त रहेगी ऐसी ही स्थिति:

ग्रांट थॉर्नटन इंडिया के पार्टनर विवेक अय्यर ने कहा कि वास्तविक दरें कुछ समय के लिए नकारात्मक रहने वाली हैं और यह जरूरी है कि लोग वित्तीय साक्षरता के आधार पर सही निवेश विकल्प को चुनें। रिसर्जेंट इंडिया के प्रबंध निदेशक ज्योति प्रकाश गाडिया ने कहा कि अधिक जोखिम वाले विकल्पों ने अभूतपूर्व वृद्धि दिखाई है, जिसके महंगाई पर काबू पाने या बैंक जमा दरों में बढ़ोतरी होने तक जारी रहने की उम्मीद है।

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