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पांच साल के निचले स्तर पर आया एफआईआई का निवेश

भारतीय
बाजारों में एफआईआई का निवेश साल दर साल अवधि के आधार पर 51 फीसदी गिर गया
है

Jun 29, 2016 / 02:33 pm

अमनप्रीत कौर

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नई दिल्ली। ब्रेक्सिट के बाद भी भारतीय शेयर बाजार से विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बाहर निकलने में जल्दबाजी नहीं दिखाई है। हालांकि, स्टॉक मार्केट में एफआईआई का निवेश जून 28, 2016 तक सिर्फ 19,238 करोड़ रुपए रहा जो कि पिछले पांच साल में सबसे कम है।

एक साल में 51 फीसदी गिरा निवेश

भारतीय बाजारों में एफआईआई का निवेश साल दर साल अवधि के आधार पर 51 फीसदी गिर गया है। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने एक बड़ा हिस्सा स्वास्थ्य क्षेत्र की कंपनियों और ट्रैडिशनल शेयरों में लगा रखा है। वह फाइनेंशियल फर्म कंपनियों के शेयरों में बहुत कम दिलचस्पी दिखा रहे हैं जिसमें बैंकिंग सेक्टर भी शामिल है।

इंतजार के मूड में एफआईआई

2016 में सेंसेक्स और निफ्टी में 1.6 और 2.3 की मामूली बढत आई है। इसकी वजह घरेलू और विदेशी निवेशकों दवारा इक्विटी मार्केट के लिए बहुत ज्यादा भूख नहीं दिखा। विदेशी संस्थागत निवेशकों को कॉरपोरेट अर्निंग बेहतर नहीं होने और फेड दर में स्पष्टता नहीं होने के चलते मार्केट में पैसा लगाने से बच रहे हैं।

एफआईआई ने की थी बिकवाली

पिछले हफ्ते रधुराम राजन दवारा आरबाई का दूसरा कार्यकाल लेने के बाद विदेशी निवेशकों ने जमकर बिकवाली करते हुए बाजार से 2,837 करोड़ रुपए निकाले थे। एफआईआई दवारा इस फाइनेंशियल ईयर में एक दिन में यह सबसे बड़ा बिकवाली थी।

आगे भी कर सकते हैं बिकवाली

ग्लोबल संकेतो को मानें तो भारतीय बाजर में एफआईआई की तरफ से बिकवाली का एक और दौर शुरू हो सकता है। साल 2010 से अब तक के आंकड़ों को देखने से यह पता चलता है कि एक करोबारी सत्र में दो फीसदी से ज्यादा टूटने पर एफआईआई के प्रवाह पर असर पड़ता है। ऐसे में एफआईआई भारतीय बाजर में बिकवाली करते हैं।

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