इस तरह का दिखाई देगा 20 रुपए का सिक्का
जानकारों की मानें तो 20 रुपए पॉलीगॉन आकार में दिखाई देगा, जिसके 12 सिरे दिखाई देने की बात कही जा रही है। लेकिन अभी तक सरकार की ओर से सिक्के के डिजाइन के बारे में कोई बात नहीं की गई है। जानकारों की मानें तो 20 रुपए के सिक्के के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दी जा सकती है। जब इसे जारी किया जाएगा तो देश के लोगों को इसके बारे में पता लग जाएगा।
यह होगी थीम
20 रुपए के सिक्के के लिए आरबीआई ने करीब चार तरह की थीम रखी है। जिनमें सिक्का जारी किया जाएगा। जिसमें डिजिटल इंडिया, महिला सशक्तीकरण, रक्षा क्षेत्र में विकास, स्वच्छ भारत है। जानकारों की मानें तो सिक्के में डिजीटल इंडिया और स्वच्छ भारत की थीम का ज्यादा इस्तेमाल किए जाने की योजना बनाई जा रही है।
पहली बार जारी किया जाएगा लीगल टेंडर
बीस रुपए का सिक्का लाने के लिए भारत सरकार इसे लीगल टेंडर बनाने की तैयारी कर रही है। अभी तक बीस रुपए के सिक्के स्मारक सिक्के के रूप में ही जारी हुए हैं। लीगल टेंडर की अनुमति मिलने के बाद इसे जारी किया जाएगा। ये सिक्के पहली बार चलन में होंगे।
आखिर 20 के सिक्के की जरुरत क्यों?
दस रुपए के नए नोटों की छपाई सीमित है और बीस रुपए के नोट की छपाई बंद है। बाजार में दस और बीस रुपए के पुराने नोट अधिक हैं। अर्थव्यवस्था में इस समय तकरीबन 80 हजार करोड़ रुपए कीमत के पांच से बीस रुपए के मूल्य वर्ग के 57 अरब नोट हैं। आरबीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार देश भर में इस समय 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक के दस और बीस रुपए के स्वॉयल नोट हैं। चूंकि क्लीन नोट पॉलिसी के तहत इन्हें आरबीआई के पास वापस आना है, इसलिए छोटे नोट की भरपाई भी करनी होगी।
इतना आ सकता है खर्चा
अगर आरबीआई इतनी बड़ी राशि की भरपाई के लिए उसी मूल्य वर्ग के नोट छापती है तो उसे करीब 40 अरब नोट छापने होंगे। इसमें करीब सात-आठ हजार करोड़ रुपए का खर्च आएगा। नोटों की उम्र अधिकतम पांच साल मानी जाती है। ऐसे में वह फिर से स्वॉयल्ड की श्रेणी में आएंगे, जबकि सिक्का लंबे समय तक चलेगा। दस रुपए का सिक्का बाजार में बहुतायत में है, इसलिए आरबीआई ने बीस रुपए का सिक्का निकालने का फैसला किया है।
कुछ इस तरह है छोटे नोटों का चलन (31 मार्च 2017 तक)
2 और 5 रुपए : 4500 करोड़ रुपए
10 रुपए (नए नोट शामिल नहीं) : 36900 करोड़ रुपए
20 रुपए : 40600 करोड़ रुपए