विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति ने भी बनाया रिकॉर्ड विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति भी 13 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 1.20 अरब डॉलर बढ़कर 400.98 अरब डॉलर पर पहुंच गई। यह पहली बार है जब विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 400 अरब डॉलर के पार पहुंची है। इस दौरान स्वर्ण भंडार 21.48 अरब डॉलर पर स्थिर रहा।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास आरक्षित निधि 89 लाख डॉलर बढ़कर 2.08 अरब डॉलर पर और विशेष आहरण अधिकार 66 लाख डॉलर की वृद्धि के साथ 1.54 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास आरक्षित निधि 89 लाख डॉलर बढ़कर 2.08 अरब डॉलर पर और विशेष आहरण अधिकार 66 लाख डॉलर की वृद्धि के साथ 1.54 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
14 महीने से ज्यादा के निचले स्तर पर रुपया
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की डॉलर निकासी और दुनिया की अन्य प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती से शुक्रवार को अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपया 14 महीने बाद पहली बार 66 रुपए प्रति डॉलर के नीचे बंद हुआ। भारतीय मुद्रा 30 पैसे टूटकर 66.10 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुई, जो 10 फरवरी 2017 के बाद का इसका निचला बंद स्तर है। इस सप्ताह पांच कारोबारी सत्रों में यह 89 पैसे लुढ़क चुकी है।गुरुवार को यह 14 पैसे की गिरावट के साथ 65.80 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुई थी।रुपए में गिरावट के कई कारक रहे। घरेलू शेयर बाजारों के लगभग पूरे दिन लाल निशान में रहने, पूंजी बाजार में एफपीआई की बिकवाली और दुनिया की अन्य प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती से रुपए पर दबाव रहा। यह 25 पैसे टूटकर 66.05 रुपए प्रति डॉलर पर खुला। बीच कारोबार के दौरान इसका उच्चतम स्तर 65.99 रुपए और निचला स्तर 66.10 रुपए प्रति डॉलर दर्ज किया गया। अंतत: यह गत दिवस के मुकाबले 30 पैसे कमजोर होकर 66.10 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो 11 अप्रैल के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की डॉलर निकासी और दुनिया की अन्य प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती से शुक्रवार को अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपया 14 महीने बाद पहली बार 66 रुपए प्रति डॉलर के नीचे बंद हुआ। भारतीय मुद्रा 30 पैसे टूटकर 66.10 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुई, जो 10 फरवरी 2017 के बाद का इसका निचला बंद स्तर है। इस सप्ताह पांच कारोबारी सत्रों में यह 89 पैसे लुढ़क चुकी है।गुरुवार को यह 14 पैसे की गिरावट के साथ 65.80 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुई थी।रुपए में गिरावट के कई कारक रहे। घरेलू शेयर बाजारों के लगभग पूरे दिन लाल निशान में रहने, पूंजी बाजार में एफपीआई की बिकवाली और दुनिया की अन्य प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती से रुपए पर दबाव रहा। यह 25 पैसे टूटकर 66.05 रुपए प्रति डॉलर पर खुला। बीच कारोबार के दौरान इसका उच्चतम स्तर 65.99 रुपए और निचला स्तर 66.10 रुपए प्रति डॉलर दर्ज किया गया। अंतत: यह गत दिवस के मुकाबले 30 पैसे कमजोर होकर 66.10 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो 11 अप्रैल के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है।