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बैंकों के बाद अब इंश्योरेंस कंपनियों पर सरकार की नजर, बजट में 4 हजार करोड़ रुपए देने का कर सकती है एेलान

locationनई दिल्लीPublished: Jan 29, 2019 07:53:01 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

पिछले साल बजट भाषण में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने तीन सरकारी इंश्योरेंस कंपनियों के विलय का प्रस्ताव दिया था। अब आगामी बजट में सरकार इन तीनों कंपनियों की वित्तीय हालत सुधारने के लिए 4 हजार करोड़ रुपए की पूंजी देने का एेलान कर सकती है।

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बैंकों के बाद अब इंश्योरेंस कंपनियों पर सरकार की नजर, बजट में 4 हजार करोड़ रुपए देने का कर सकती है एेलान

नर्इ दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवार्इ वाली एनडीए सरकार 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करने वाली है। इस बजट को लेकर आशंकाआें का दौर शुरू हो गया है कि सरकार क्या एेलान कर सकती है। साथ ही हर सेक्टर में इस बजट को लेकर अपनी उम्मीदें बढ़ गर्इं है। बीते साल कर्इ सरकारी बैंकों का विलय हुआ। साल 2018 की शुरुआती छमाही में सरकार ने पांच क्षेत्रिय बैंकों को भारतीय स्टेट बैंक में विलय किया। जबिक दूसरी छमाही में सरकार तीन आैर बैंकों के विलय का प्रस्ताव लेकर आर्इ। इन बैंकों में बैंक आॅफ बड़ौदा, विजया बैंक आैर देना बैंक के विलय की प्रक्रिया शुरू भी हो चुकी है। बैंकों के बाद अब सरकार की नजर पब्लिक सेक्टर इंश्योरेंस कंपनियों के विलय का भी प्लान बना चुकी है। गौरतलब है कि बजट 2018-19 में सरकार ने पब्लिक सेक्टर की तीन इंश्योरेंस कंपनियों (नेशनल इंश्योरेंस कंपनी, आेरिएंटल इंश्योंरेंस कंपनी आैर यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी) के विलय का प्रस्ताव रखा था।


तीनों इंश्याेरेंस कंपनियों को 4 हजार करोड़ अावंटित कर सकती है सरकार

विलय के प्रस्ताव के बाद अब 1 फरवरी को पेश होने वाले आगामी अंतरिम बजट में सरकार देश की इन तीन सरकारी कंपनियों को 4 हजार करोड़ रुपए की पूंजी देने का एेलान कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वित्तीय सेवा विभाग ने इन तीनों कंपनियों के लिए 4 हजार करोड़ रुपए पूंजी की मंजूरी मांगी है। सरकार द्वारा आवंटित कुल बजट के बाद ही यह तय होगा कि प्रत्येक कंपनी को कितनी राशि दी जाएगी। सरकार यह पूंजी इन कंपनियों की वित्तीय सेहत सुधारने के लिए करेगी। बताते चलें कि जनरल इंश्योरेंस कंपनियां वित्तीय दबाव में हैं।


विलय हुआ तो देश को मिलेगी सबसे बड़ी इंश्याेरेंस कंपनी

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने पिछले बजट भाषण में कहा था कि इन तीनों कंपनियों को एक एंटीटी में विलय किया जाएगा। उस दौरान वित्त मंत्री ने कहा था कि यह प्रक्रिया चालू वित्त वर्ष में ही पूरा कर लिया जाएगा। 31 मार्च 2017 तक इन तीनों कंपनियों के पास कुल 200 इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स है जिनपर कुल 41,461 करोड़ रुपए का प्रीमियम है। इन तीनों कंपनियों का काेर मार्केट शेयर 35 फीसदी था। 6 हजार कार्यालयों में कुल 44 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं। इन तीनों कंपनियों का कुल नेटवर्थ 9,243 करोड़ रुपए का है। साल 2017 में, न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी आैर जनरल इंश्योरेंस काॅर्पोरेशन आॅफ इंडिया की बाजार में लिस्टिंग की गर्इ थी। शुरुअाती अनुमान के मुताबिक, विलय के बाद देश को सबसे बड़ा नाॅन-लाइफ इश्योरेंस कंपनी मिल जाएगी जिसकी कुल वैल्यू करीब 1.2-1.5 लाख करोड़ रुपए होगी।
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