तीनों इंश्याेरेंस कंपनियों को 4 हजार करोड़ अावंटित कर सकती है सरकार
विलय के प्रस्ताव के बाद अब 1 फरवरी को पेश होने वाले आगामी अंतरिम बजट में सरकार देश की इन तीन सरकारी कंपनियों को 4 हजार करोड़ रुपए की पूंजी देने का एेलान कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वित्तीय सेवा विभाग ने इन तीनों कंपनियों के लिए 4 हजार करोड़ रुपए पूंजी की मंजूरी मांगी है। सरकार द्वारा आवंटित कुल बजट के बाद ही यह तय होगा कि प्रत्येक कंपनी को कितनी राशि दी जाएगी। सरकार यह पूंजी इन कंपनियों की वित्तीय सेहत सुधारने के लिए करेगी। बताते चलें कि जनरल इंश्योरेंस कंपनियां वित्तीय दबाव में हैं।
विलय हुआ तो देश को मिलेगी सबसे बड़ी इंश्याेरेंस कंपनी
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने पिछले बजट भाषण में कहा था कि इन तीनों कंपनियों को एक एंटीटी में विलय किया जाएगा। उस दौरान वित्त मंत्री ने कहा था कि यह प्रक्रिया चालू वित्त वर्ष में ही पूरा कर लिया जाएगा। 31 मार्च 2017 तक इन तीनों कंपनियों के पास कुल 200 इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स है जिनपर कुल 41,461 करोड़ रुपए का प्रीमियम है। इन तीनों कंपनियों का काेर मार्केट शेयर 35 फीसदी था। 6 हजार कार्यालयों में कुल 44 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं। इन तीनों कंपनियों का कुल नेटवर्थ 9,243 करोड़ रुपए का है। साल 2017 में, न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी आैर जनरल इंश्योरेंस काॅर्पोरेशन आॅफ इंडिया की बाजार में लिस्टिंग की गर्इ थी। शुरुअाती अनुमान के मुताबिक, विलय के बाद देश को सबसे बड़ा नाॅन-लाइफ इश्योरेंस कंपनी मिल जाएगी जिसकी कुल वैल्यू करीब 1.2-1.5 लाख करोड़ रुपए होगी।
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