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FPI पर इनकम टैक्स सरचार्ज हटा सकती है सरकार, LTCG पर भी ले सकती है फैसला

locationनई दिल्लीPublished: Aug 08, 2019 06:09:09 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) को भी तीन साल की अवधि के बाद हटाया जा सकता है।
सरकार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के इनकम पर टैक्स का बोझ हटा सकती है।
नोटिफिकेश या ऑर्डिनेंस के जरिये आ सकता है फैसला।

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नई दिल्ली। बजट पेश किये जाने के बाद से ही घरेलू शेयर बाजार में लगातार गिरावट का दौर जारी है। अब इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार एक बड़ी राहत दे सकती है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के इनकम पर टैक्स का बोझ हटा सकती है।

साथ ही लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (एलटीसीजी) को भी तीन साल की अवधि के बाद हटाया जा सकता है। सरकार डिविडेंट डिस्ट्रीब्युशन टैक्स को भी कम कर सकती है।

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शेयर बाजार में आई तेजी

सरकार द्वारा इस यू-टर्न के बाद घरेलू शेयर बाजार में तेजी देखने को मिली। गुरुवार को दिनभर के कारोबार के बाद बीएसई सेंसेक्स 637 अंकों की बढ़त के साथ 37,327 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में भी तेजी दर्ज की गई। इसमें भी 117 अंकों की तेजी रही, जिसके बाद यह 11,032 के स्तर पर बंद हुआ।

हालांकि, कुछ रिपोट्र्स में कहा गया है कि सरका नोटिफिकेशन या ऑर्डिनेंस के जरिये एफपीआई के इनकम पर लगने वाले सरचार्ज लगाने के फैसले को वापस ले सकती है। यदि सरकार इसके लिए ऑर्डिनेंस लाती है तो अलगे संसद सत्र के इसे संसद में पेश करना होगा। वित्त मंत्रालय द्वारा यह फैसला प्रधानमंत्री कार्यालय से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बैठक के बाद लिया गया।

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एलटीसीजी टैक्स पर बूस्टर पैकेज

रिपोर्ट में कहा गया, “उच्च सरचार्ज की अधिक से रेवेन्यू में जो घाटा होगा वो केवल 400 करोड़ रुपये ही होगा।” हालांकि, अभी इसपर अंतिम फैसाला कानून मंत्रालय के अनुमति के बाद ही लिया जायेगा। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त मंत्रालय कैपिटल मार्केट के लिए बूस्टर पैकेज ला सकती है। इसमें सरकार लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स को लेकर भी कुछ बदलाव हो सकते हैं।

बता दें कि गत 5 जुलाई को पेश किये बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सुपररिच पर सरचार्ज बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, इस सरचार्ज के बाद एफपीआई पर टैक्स का बोझ बढ़ गया था।

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बीएसई के मार्केट कैप में भरी गिरावट

सरकार के इस फैसले के बाद बेंचमार्क इक्विटी इंडेक्स में भारी बिकवाली का दौर देखने को मिला। बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 151.35 लाख करोड़ रुपये घटकर 7 अगस्त तक 138.82 लाख करोड़ रुपये रह गया। कहा जा रहा है कि इसका एक बड़ा हिस्सा विदेशी संस्थागत निवेशकों का था।

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