नर्सरी योजना में स्कूल होंगे अहम हिस्सा, अब बच्चे पढ़ाई के साथ सीखेंगे पौधरोपण की कला
- School Nursery Scheme : स्कूलों में नर्सरी लगाने के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही विशेष योजना
- इसमें बच्चों को पेड़-पौधों का ख्याल रखने समेत बीजों का पहचानने एवं उससे नए पेड़ बनाने के गुर सिखाए जाते हैं

नई दिल्ली। पौधरोपण (Plantation) के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं चलाती है। एक नई स्कीम के तहत अब इसमें स्कूलों को भी शामिल किया गया है। जिसमें बच्चे अब पढ़ाई के साथ पेड़-पौधों की देखभाल और उनके विकास की कला सीखेंगे। इसके लिए सरकार की ओर से स्कूलों को अनुदान भी दिया जाएगा। नर्सरी योजना (School Nursery Yojana) भारत सरकार वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा कक्षा 6 से 9 तक के स्कूलों में शुरू की गई है।
नर्सरी योजना के तहत छात्र-छात्राओं को पौधशाला की स्थापना और उनके रख-रखाव के गुर सिखाए जाते हैं। साथ ही पादप बीजों के अंकुरण व विकास की प्राकृतिक प्रक्रिया को समझने का प्रशिक्षण दिया जाता है। किस स्कूल में नर्सरी बनाई जाए इसके लिए आवेदन पत्र मांगे जाते हैं। जिनमें से चुनिंदा स्कूलों को शामिल किया जाता है। ये लीड स्कूल दूसरे विद्यालयों में नर्सरी लगाने में मदद करते हैं।
स्कूल नर्सरी योजाना के लिए सीएएमपीए की ओर से अनुदान भी दिया जाता है। साल 2016-17 में 3.50 करोड़ का अनुदान दिया गया था। वहीं वर्ष 2017-18 में 4.50 करोड़, वर्ष 2018-19 में 4.50 करोड़ तथा वर्ष 2019-20 में 4.50 करोड़ का अनुदान दिया गया है। इस रकम से नर्सरी बेड, जल व्यवस्था, पाइप, मिट्टी, पात्र, पोली बैग आदि आवश्यक चीजें खरीदी जाती हैं। योजना के अंतर्गत स्कूलों में नर्सरी ठीक से लगाई गई है या नहीं, साथ ही इसका ख्याल रखा जा रहा है या नहीं, इसकी निगरानी के लिए फॉरेस्ट पालिसी डिवीजन के तहत प्रोजेक्ट मैनेजर यूनिट पीएमयू गठित की गई है।
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