सरकार जल्द ही सड़कों पर करीब 16 लाख इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) लाने की तैयारी कर रही है। इन्हें चॉर्ज रखने के लिए चॉर्जिंग स्टेशन (Charging Station) बनाने का ब्ल्यू प्रिंट भी बनाया जा रहा है। इस बात की जानकारी बिजली और कौशल विकास राज्यमंत्री आरके सिंह ने राज्यसभा में दी। प्लानिंग के मुताबिक 40 लाख से ज़्यादा की आबादी वाले मेगा शहरों में चॉर्जिंग स्टेशन पहले खोले जाएंगे। इसके लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी। महज थोड़ी कागजीकारवाई के साथ ही आप ये बिजनेस शुरू कर सकेंगे। इसके अलावा इन शहरों से सटे एक्सप्रेसवे-कॉरिडोर और शहरों से लगे 5 प्रमुख नेशनल हाइवे को वरीयता दी जाएगी।
केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक देशभर में 25 से 30 फीसदी इलेक्ट्रिक व्हीकल हों। इनमें 7 हज़ार ई-बसें, 55 सौ ई-कार, 5 लाख ई-3 व्हीलर और 10 लाख ई-2 व्हीलर को लाने की योजना है। चार्जिंग स्टेशन बनाने के पहले चरण का काम मुम्बई, दिल्ली, बैंगलुरू, हैदराबाद, अहमदाबाद, चेन्नई, कोलकाता, सूरत और पुणे जैसे बड़े शहरों से शुरू होने की उम्मीद है। इसके बाद मुम्बई-पुणे एक्सप्रेसवे, अहमदाबाद-बड़ोदरा, दिल्ली-आगरा, दिल्ली-जयपुर, बैंगलुरू-मैसूर, बैंगलुरू-चेन्नई, सूरत-मुम्बई, आगरा-लखनऊ, ईस्टर्न पेरिफेरल, दिल्ली-आगरा एनएच-2 और हैदराबाद-ओआरआर एक्सप्रेसवे को चॉर्जिंग स्टेशन के लिए शामिल किया जाएगा। चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) की तरफ से कुछ गाइडलाइन्स भी जारी की गई हैं। इसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन लगाने वालों से बिजली वितरण कंपनियां सप्लाई लागत प्लस 15 परसेंट से अधिक चार्ज नहीं कर सकेंगी।