हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गन्ना किसानों को सहूलियत देने एवं कोरोना काल में उनकी आर्थिक समस्याओं को दूर करने के मकसद से ये निर्णय लिया है। इस बीच सीएम ने वर्ष 2018.19 और वर्ष 2019.20 सत्र की तर्ज पर चालू पेराई सत्र 2020.21 के लिए गन्ना किसानों को सब्सिडी प्रदान करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। सरकार ने इसकी विस्तृत जानकारी साझा करते हुए बताया कि मई 2020 तक के लिए 124.14 करोड़ रुपये से अधिक राशि राज्य के विभिन्न चीनी मिलों को सब्सिडी के तौर पर दिया जाएगा।
केंद्र सरकार भी दे रही सब्सिडी
गन्ना किसानों के हित में केंद्र सरकार ने भी हाल ही में अहम फैसला लिया है। इसके तहत गन्ना किसानों के लिए चीनी निर्यात पर 3500 करोड़ रुपये सब्सिडी दिए जाने को मंजूरी दी गई है। इससे करीब 5 करोड़ गन्ना किसानों को सीधे फायदा मिलेगा। ये निर्णय आर्थिक मामलों पर कैबिनेट कमेटी की ओर से लिया गया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने बताया कि इस बार 60 लाख टन चीनी निर्यात की जाएगी। किसान और चीनी मिलों को संकट से उबारने के लिए 60 लाख टन चीनी को 6 हजार रुपये प्रति टन के हिसाब से निर्यात किया जाएगा। इस मामले पर खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार गन्ने पर उचित लाभकारी मूल्य ;एफआरपी को कम नहीं कर सकती है। ऐसे में द्योग से कुशल और मुनाफेदार बनने तथा केंद्रीय सब्सिडी पर कम से कम निर्भरता रखते हुए उत्पाद पोर्टफोलियो का विविधीकरण किया जाना चाहिए।
गन्ना किसानों के हित में केंद्र सरकार ने भी हाल ही में अहम फैसला लिया है। इसके तहत गन्ना किसानों के लिए चीनी निर्यात पर 3500 करोड़ रुपये सब्सिडी दिए जाने को मंजूरी दी गई है। इससे करीब 5 करोड़ गन्ना किसानों को सीधे फायदा मिलेगा। ये निर्णय आर्थिक मामलों पर कैबिनेट कमेटी की ओर से लिया गया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने बताया कि इस बार 60 लाख टन चीनी निर्यात की जाएगी। किसान और चीनी मिलों को संकट से उबारने के लिए 60 लाख टन चीनी को 6 हजार रुपये प्रति टन के हिसाब से निर्यात किया जाएगा। इस मामले पर खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार गन्ने पर उचित लाभकारी मूल्य ;एफआरपी को कम नहीं कर सकती है। ऐसे में द्योग से कुशल और मुनाफेदार बनने तथा केंद्रीय सब्सिडी पर कम से कम निर्भरता रखते हुए उत्पाद पोर्टफोलियो का विविधीकरण किया जाना चाहिए।