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महंगा होगा हैल्थ इंश्यॉरेंस का प्रीमियम, कटेगी आपकी जेब

मुद्रास्फीति सूचकांक से तय होगी हैल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम की दरें

May 28, 2015 / 09:43 am

अमनप्रीत कौर

Keep original bills with you for claim

नई दिल्ली। एक तरफ तो केंद्र सरकार देश में बैंकिंग और इंश्योरेंस को बढ़ावा देने के लिए तरह-तरह की योजनाएं ला रही है और दूसरी तरफ हैल्थ इंश्योरेंस की प्रीमियम वृद्धि को महंगाई के उपभोक्ता मूल्य सू चकांक (सीपीआई) से जोड़कर आम उपभोक्ता पर ज्यादा प्रीमियम का बोझ डालने की तैयारी कर रही है।

उपभोक्ता को परेशानी

इस प्रस्ताव के पारित होने से आम उपभोक्ता को काफी परेशानी हो सकती है, क्योंकि उसके हैल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम की रकम समय-समय पर ऊपर-नीचे होगी। अभी आंकड़ों में महंगाई चार माह के निचले स्तर (4.86 प्रतिशत) पर है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

एक प्रमुख जनरल इंश्योरेंस कंपनी के अधिकारी का कहना है हैल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम को महंगाई सूचकांक से जोड़ना ग्राहकों की जेब काटने जैसा निर्णय साबित होगा।

इरडा का प्रस्ताव

दरअसल बीमा नियामक इरडा ने एक 11 सदस्यीय समिति बनाई है, जो हैल्थ इंश्योरेंस को महंगाई सूचकांक से जोड़ने की कवायद पर काम कर रही है। विशेष्ाज्ञों के अनुसार अगर हैल्थ इंश्योरेंस उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जुड़ता है, तो प्रीमियम वृद्धि सूचकांक के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करेगी, जबकि पहले इंश्योरेंस कंपनियां केवल तीन साल के अंतराल के बाद ही प्रीमियम वृद्धि कर सकती थी। इरडा ने सीपीआई प्लसथ्री नाम से एक फार्मूला बनाया है, जो जल्द ही पारित हो सकता है। इसके बाद सभी इंश्योरेंस कंपनियां महंगाई के हिसाब से समय-समय पर प्रीमियम वृद्धि करेंगी।

इंडिया फर्स्ट पर जुर्माना

भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण ने नियमों के उल्लंघन के विभिन्न मामलों में इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस कंपनी पर 65 लाख रूपए का जुर्माना लगाया है। प्राधिकरण ने बताया कि कंपनी पर गैर- लाइसेंस धारकों के जरिए कारोबार करने और कॉपोरेट एजेंटों के गैर-लाइसेंस धारक कर्मचारियों को विदेश यात्रा देने जुर्माना लगाया है।

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