समेकित आधार पर, वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में कंपनी के मुनाफे में 45.17 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 2,083 करोड़ रुपये थी। कंपनी द्वारा बम्बई स्टॉक एक्सचेंज में दाखिल रपट के मुताबिक, 15,737 करोड़ रुपए की सकल फंसे हुए कर्जे (एनपीए या गैर-निष्पादित संपत्तियां) के अतिरिक्त, इसमें 9,968 करोड़ रुपए का कर्ज भी शामिल है, जो आरबीआई योजनाओं के तहत थे और 2017 के 31 दिसंबर को मानक के रूप में वर्गीकृत किए गए थे। वहीं, वित्त वर्ष 2018 की चौथी तिमाही में कुल 4,234 करोड़ रुपए के कर्ज की वसूली हो पाई।
NII बढ़कर 6021 करोड़ चौथी तिमाही में बैंक का स्टैंडअलोन नेट इंटरेस्ट इनकम करीब 1 फीसदी बढ़कर 6021.67 करोड़ रुपए हो गया है। फाइनेंशियल ईयर 2017 की चौथी तिमाही में नेट इंटरेसट इनकम 5962.16 करोड़ रुपए रहा था। वहीं, तिमाही आधार पर नेट इंटरेस्ट मार्जिन 3.14 फीसदी से बए़कर 3.24 फीसदी हो गया है। रुपये में आईसीआईसीआई बैंक के एनपीए पर नजर डालें तो तिमाही आधार पर चौथी तिमाही में ग्रॉस एनपीए 6038.7 करोड़ रुपये से बढ़कर 54062 करोड़ रुपये रहा है। चौथी तिमाही में नेट एनपीए 23810.3 करोड़ रुपये से बढ़कर 27886 करोड़ रुपये रहा है।