scriptग्रोथ बढ़ाने के लिए नर्इ रणनीति अपनाएगा ICICI बैंक: चंदा कोचर | ICICI Bank to deploy new strategy to increase growth says Chanda Kochh | Patrika News

ग्रोथ बढ़ाने के लिए नर्इ रणनीति अपनाएगा ICICI बैंक: चंदा कोचर

locationनई दिल्लीPublished: May 08, 2018 08:57:31 am

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Patrika Desk

बैंक ने सोमवार को कि उसने वृद्धि दर वापस पाने के लिए संरक्षित, परिवर्तन और विकास रणनीति को लागू करने की योजना बना रही है।

ICICI bank

नर्इ दिल्ली। वीडियोकाॅन विवाद में चंदा कोचर का नाम आने के बाद वित्त वर्ष 18 की चौथी तिमाही में आर्इसीआर्इसीआर्इ बैंक के मुनाफे में 50 फीसदी की गिरावट देखने को मिला। इसके बाद बैंक ने सोमवार को कि उसने वृद्धि दर वापस पाने के लिए “संरक्षित, परिवर्तन और विकास” रणनीति को लागू करने की योजना बना रही है। बैंक की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर के मुताबिक, नई नीति में खुदरा कर्ज पोर्टफोलियो, समन्वय और तनावग्रस्त परिसंपत्तियों के समाधान पर ध्यान दिया जाएगा।


मंगलवार को होने वाली निदेशक मंडल की बैठक सामान्य होगी

कोचर ने बैंक के तिमाही और वित्तीय नतीजों की घोषणा के बाद एक प्रेस वार्ता में कहा, “आगे आईसीआईसीआई बैंक की रणनीति ‘संरक्षित, परिवर्तन और विकास’ के इर्द-गिर्द होगी।”उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी की मंगलवार को होनेवाली निदेशक मंडल की बैठक ‘सामान्य’ होगी और इसमें चालू वित्त वर्ष के बजट और रणनीति पर विचार किया जाएगा।आईसीआईसीआई बैंक के मुनाफे में वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में 49.63 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है।


एेसा रहे चौथी तिमाही के नतीजे

बैंक के मुताबिक, समीक्षाधीन तिमाही में उसका मुनाफा 1,020 करोड़ रुपये रहा, जबकि वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में यह 2,025 करोड़ रुपये रहा। हालांकि इस दौरान आईसीआईसीआई बैंक की ब्याज आय में मामूली तेजी दर्ज की गई और 31 मार्च, 2018 को खत्म तिमाही में यह 6,022 करोड़ रुपये रही, जबकि 31 मार्च, 2017 को खत्म हुई तिमाही में यह 5,962 करोड़ रुपये थी।


एनपीए की समस्या बरकरार

समेकित आधार पर, वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में कंपनी के मुनाफे में 45.17 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 2,083 करोड़ रुपये थी। कंपनी द्वारा बंबई स्टॉक एक्सचेंज में दाखिल रपट के मुताबिक, 15,737 करोड़ रुपये की सकल फंसे हुए कर्जे (एनपीए या गैर-निष्पादित संपत्तियां) के अतिरिक्त, इसमें 9,968 करोड़ रुपये का कर्ज भी शामिल है, जो आरबीआई योजनाओं के तहत थे और 2017 के 31 दिसंबर को मानक के रूप में वर्गीकृत किए गए थे। वहीं, वित्त वर्ष 2018 की चौथी तिमाही में कुल 4,234 करोड़ रुपये के कर्ज की वसूली हो पाई।

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