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जेट एयरवेज में फंसेे 7 बैंकों के करोड़ों रुपए, बोली प्रक्रिया में नहीं मिले पैसे तो बैंक अपनाएंगे नया रास्ता

locationनई दिल्लीPublished: Apr 22, 2019 12:10:54 pm

Submitted by:

Shivani Sharma

जेट एयरवेज से अपना कर्ज वसूलने के लिए सभी बैंक नया रास्ता निकाल रहे हैं
जानकारी के अनुसार जेट एयरवेज के ऊपर 8,500 करोड़ रुपए का कर्ज है
जेट एयरवेज पर 7 बैंकों का कर्ज है

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जेट एयरवेज में फंसेे 7 बैंकों के करोड़ों रुपए, बोली प्रक्रिया में नहीं मिले पैसे तो बैंक अपनाएंगे नया रास्ता

नई दिल्ली। जेट एयरवेज से अपना कर्ज वसूलने के लिए सभी बैंक नया रास्ता निकाल रहे हैं। जानकारी के अनुसार जेट एयरवेज के ऊपर 8,500 करोड़ रुपए का कर्ज है। बैंकों की ओर से इमर्जेंसी फंड नहीं दिए जाने के बाद कंपनी ने अपना परिचालन अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। जेट के द्वारा संचालन बंद करने पर सभी कर्मचारी सड़क पर आ गए हैं।


सात बैंकों का है कर्ज

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई वाले सात बैंकों के समूह ने एयरलाइन को कर्ज दे रखा है। आपको बता दें कि एसबीआई ने एयरलाइन में हिस्सेदारी बिक्री के लिए बोली प्रक्रिया शुरू की है और जल्द ही इसको पूरा कर लिया जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वैसे तो कर्जदाताओं को बोली प्रक्रिया के सफल रहने की उम्मीद है, लेकिन अगर किंन्ही कारणों से स्थिति अनुकूल नहीं रही तो उसके लिए बैंकों ने ‘प्लान बी’ भी सोच कर रखा है, जिस पर सभी बैंक काम कर रहे हैं।

 

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NCLT की मंजूरी जरूरी

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगर बोली प्रक्रिया विफल रहती है तो कर्जदाता कर्ज में डूबी जेट एयरवेज के समाधान को लेकर इन्सॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्सी (आईबीसी) कोड से बाहर इसके समाधान के पक्ष में हैं। वे मौजूदा गारंटी और संपत्ति के आधार पर वसूली एक विकल्प है जिसे तरजीह दे सकते हैं। संहिता के तहत प्रक्रिया शुरू करने से पहले राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मंजूरी जरूरी है।


जल्द मिलेगा समाधान

इसमें समाधान बाजार से जुड़ा और समयबद्ध तरीके से होगा। शुरूआती बोलीदाताओं के बारे में ब्योरा 10 मई को मिलने की संभावना है। कर्जदाता एयरलाइन के पास उपलब्ध 16 विमानों समेत संपत्ति के जरिए कोष जुटाने के विकल्प पर भी गौर कर रहे हैं। इससे पहले, शुक्रवार को सूत्रों ने कहा था कि कर्जदाता सक्रियता से काम कर रहे हैं और मौजूदा स्थिति के लिये उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता।

( ये न्यूज एजेंसी से ली गई है। )

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