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रिटर्न भर दिया हैं तो जान लें ये 6 बातें

Published: Aug 01, 2017 12:52:00 pm

Submitted by:

manish ranjan

 इनकम टैक्स रिटर्न भरने का समय बढ़ गया है लेकिन अगर आप भर चुके हैं या आगे भरने वाले हैं तो जान लें कि यह इस प्रक्रिया का अंत नहीं।

Income Tax Return

Income Tax Return

नई दिल्ली। इनकम टैक्स रिटर्न भरने का समय बढ़ गया है लेकिन अगर आप भर चुके हैं या आगे भरने वाले हैं तो जान लें कि यह इस प्रक्रिया का अंत नहीं। रिटर्न न भरने वाले भी आयकर विभाग के रडार पर आएंगे और दाखिल करने वाले बहुत से लोगों को इसके बाद नोटिस मिलेंगे। तो आइए जानतें है कैसे करें इसका सामना


1. यदि टैक्स रिटर्र्न त्रुटिपूर्ण हुआ तो सेक्शन 139 (9) के तहत आपको नोटिस मिलेगा
कारण : अगर आपने गलत आईटीआर फार्म प्रयोग किया है, पूरा टैक्स न नही चुकाया हैं, या कर का रिफंड मांगा है लेकिन उचित आय नहीं बताई, पैन व आईटीआर में नाम एक जैसा नहीं है तो आपको आयकर विभाब से नाटिस मिल सकता हैं। 

जवाब देने की समय सीमा
असेसिंग ऑफिसर की ओर से सूचना जारी किए जाने की तारीख के 15वें दिन के अंदर आपको जवाब देना होगा। अगर आप जवाब नहीं देतें हैं तो आपका रिटर्न अमान्य माना जाएगा। 


2. रिटर्न के आकलन पर तीन तरह के नोटिस
सेक्शन 143(1) के तहत आपके रिटर्न के आकलन पर तीन तरह के नोटिस मिल सकता हैं। यह नोटिस से ज्यादा आपकी ओर से फाइल किए गए रिटर्न का आकलन होता है। इस सेक्शन के तहत आपको तीन तरह का नोटिस मिल सकता है। 
रिटन्र्स का आखिरी आकलन क्योंकि टैक्स ऑफिसर के आकलन से आपका आकलन मिल गया है।
यह रिफंड नोटिस की तरह जिसमें असेसिंग ऑफिसर की गणना के मुताबिक आपने ज्यादा टैक्स भर दिया है।
डिमांड नोटिस हो सकता है जिसमें असेसिंग ऑफिसर की गणना के मुताबिक आपने कम टैक्स भरा है।

नोटिस भेजने की समय सीमा

जिस वित्त वर्ष में आपने टैक्स रिटर्न फाइल किया है, उसके एक साल के अंदर आपके पास नोटिस भेजने का समय होता हैं।
क्या करें – यदि गड़बड़ी नहीं है तो कुछ करने की जरूरत नहीं। अगर आप रिफंड के दावेदार हैं तो पैसे आ जाएंगे। ऐसा नहीं हुआ तो रिफंड दोबारा मांग सकते हैं। टैक्स बकाया है तो आपको 30 दिनों के अंदर इसे चुकाना होगा। 

3. टैक्स छूट पर सवाल-जवाब
सेक्शन 143(1) टैक्स छूट की मांग को लेकर आपसे सवाल-जवाब हो सकता हैं जिसमें नोटिस जारी होने के 30 दिनो के अंदर आप जवाब दे सकतें हैं
इस के तहत आपको तब नोटिस मिल सकता है जब
रिटर्न में आय की जानकारी और फॉर्म 16 में दर्ज आय में अंतर हो।
सेक्शन 80 (C) के तहत किए गए टैक्स छूट के दावे में अंतर हो।
चैप्टर VI(A) और फॉर्म 26A में अंतर हो।


4. रिटर्न में आय छूटी तो
अगर आपके रिटर्न मे आय छुटी तो सेक्शन 148 के तहत फाइल किए गए रिटर्न में यदि कोई आय नहीं दिखाई गई है तो यह नोटिस आपको दिया जाएगा। 

नोटिस भेजने की समय सीमा
छूटी हुई इनकम अगर 1 लाख या उससे कम है तो आकलन के 4 साल के अंदर और अगर 1 लाख से ज्यादा है तो 6 साल के अंदर तक नोटिस मिल सकता है। 

जवाब देने का समय
अगर असेसिंग ऑफिसर ने कोई समय सीमा दी है तो उसके अंदर और नहीं दी गई तो नोटिस मिलने के 30 दिन के अंदर दोबारा रिटर्न भरना होता है।
क्या करें – असेसिंग ऑफिसर के कहे मुताबिक संबंधित असेसमेंट ईयर के रिटर्न फाइल करें। 



5. तीन तरह की स्क्रूटनी… 

सेक्शन 143(2) के तहत रिटर्न की प्राथमिक जांच के बाद दिया जाने वाला यह एक स्कू्रटिनी असेसमेंट नोटिस है। 
लिमिटेड पर्पज में पूरी तरह से स्कू्रटिनी नहीं होती हैं और कुछ ही चीजेंं वेरिफाई किया जाता है। यदि आपको रिटर्न मे कोई गड़बड़ी दिखाई देती हैं तो फिर कम्प्लीट स्क्रूटनी होती हैं। मैन्यूअल स्क्रूटिनी इनकम टैक्स कमिश्नर के अनुमति के बाद ही भेजा जा सकता है। 

भेजने की समय सीमा

जिस वित्त वर्ष में रिटर्न फाइल किया गया है उसके खत्म होने से 6 महीने के अंदर।

जवाब की समयसीमा

करदाता को खुद या किसी प्रतिनिधि के जरिए तय समयसीमा में पेश होना होता है। 

क्या करें – सुनवाई को किसी भी कीमत पर न छोडं़े नहीं तो दंड का प्रावधान।


6. देरी तो जुर्माना, लेकिन इस बार नहीं

सेक्शन 234 (एफ) आयकर कानून में शामिल यह एक नया सेक्शन है। इसके तहत असेसमेंट इयर की 31 जुलाई तक रिटर्न न फाइल किए जाने पर जुर्माना लग सकता है। 5,000 की पेनल्टी 2018-2019 के असेसमेंट ईयर से 31 जुलाई के बाद और 31 दिसंबर से पहले रिटर्न दाखिल करने पर लगेगी। और 31 दिसंबर के बाद फाइल करने पर 10,000 रुपए की पेनल्टी । पांच लाख से कम आय वाले लोगो के लिए 1,000 पेनाल्टी रखी गई हैं।यह भी पढ़ें
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