इस तरह से वसूले गए अवैध तरीके से चार्ज
– दिल्ली में यूपीआई के माध्यम से बिजली बिल पेमेंट करने वालों को बिल अमाउंट 1 फीसदी से ज्यादा रकम चुकानी पड़ रही है।
– मुंबई में टाटा पावर के ग्राहकों को बिजली बिल 2 हजार रुपए से ज्यादा होने पर सरचार्ज देना पड़ता है।
– दिल्ली में बिजली बिल 5 हजार रुपए से ज्यादा होने पर सरचार्ज देना पड़ता है।
– आईआरसीटीसी से टिकट बुक करते समस यूपीआई से 2 हजार रुपए से ज्यादा के पेमेंट करने पर 10 रुपए एक्स्ट्रा और जीएसटी देना पड़ रहा है।
गैरकानूनी तौर पर वसूले 200 करोड़ रुपए एक्स्ट्रा
आशीष दास ने डिजिटल पेमेंट्स पर विभिन्न सरचार्ज के अध्ययन में पाया कि गैर-कानूनी तौर पर सरचार्ज वसूले जाने से डिजिटल पेमेंट करने वालों पर अतिरिक्त लागत का बोझ पड़ रहा है। 2018 में ऑनलाइन पेमेंट्स पर अतिरिक्त 200 करोड़ रुपए वसूले जा चुके हैं। तो पूरी तरह से गैरकानूनी है। वहीं आरबीआई के नियमों के अनुसार ग्राहकों से सरचार्ज वसूलना पूरी तरह गैर-कानूनी है। आरबीआई ने 27 दिसंबर, 2017 के नोटिफिकेशन में बैंकों से सुनिश्चित करने को कहा था कि मर्चेंट्स डेबिट कार्ड से पेमेंट करने वाले ग्राहकों से एमडीआर (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) चार्ज नहीं वसूलें।