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आईआईटी बांबे की ओर से बड़ा खुलासा, बैंकों ने एक साल में 200 करोड़ रुपए की अवैध वसूली

Published: Mar 04, 2019 11:24:52 am

Submitted by:

Saurabh Sharma

आशीष दास ने डिजिटल पेमेंट्स पर विभिन्न सरचार्ज के अध्ययन में पाया कि गैर-कानूनी तौर पर सरचार्ज वसूले जाने से डिजिटल पेमेंट करने वालों पर अतिरिक्त लागत का बोझ पड़ रहा है। 2018 में ऑनलाइन पेमेंट्स पर अतिरिक्त 200 करोड़ रुपए वसूले जा चुके हैं।

DIgital Payment

आईआईटी बांबे की ओर से बड़ा खुलासा, बैंकों ने एक साल में 200 करोड़ रुपए की अवैध वसूली

नई दिल्ली। सरकार के आदेश के बाद भी बैंकों ने डिजिटल पेमेंट पर ऐसे चार्ज वसूले हैं, जिन्हें नहीं वसूला जाना चाहिए था। ताज्जुब की बात तो ये है कि सरकार की ओर से डिजिटल पेमेंट को प्रमोट करने के लिए इस चार्ज से लोगों को राहत देने की घोषणा की थी। साथ ही सरकार की ओर से निर्देश तक जारी किए गए थे कि डिजीटल पेमेंट पर इस तरह के चार्च बिल्कुल भी ना वसूले जाएं। आंकड़ों की मानें तो बैंकों ने डिजिटल पेमेंट पर चार्च वसूल कर 200 करोड़ रुपए की अवैध वसूली की है। वास्तव में डिजिटल पेमेंट्स पर सरचार्जेज का अध्ययन करने वाले आईआईटी बॉम्बे में गणित विभाग के आशीष दास इस मामले में पूरी स्टडी रिपोर्ट सौंपी है।

इस तरह से वसूले गए अवैध तरीके से चार्ज
– दिल्ली में यूपीआई के माध्यम से बिजली बिल पेमेंट करने वालों को बिल अमाउंट 1 फीसदी से ज्यादा रकम चुकानी पड़ रही है।
– मुंबई में टाटा पावर के ग्राहकों को बिजली बिल 2 हजार रुपए से ज्यादा होने पर सरचार्ज देना पड़ता है।
– दिल्ली में बिजली बिल 5 हजार रुपए से ज्यादा होने पर सरचार्ज देना पड़ता है।
– आईआरसीटीसी से टिकट बुक करते समस यूपीआई से 2 हजार रुपए से ज्यादा के पेमेंट करने पर 10 रुपए एक्स्ट्रा और जीएसटी देना पड़ रहा है।

गैरकानूनी तौर पर वसूले 200 करोड़ रुपए एक्स्ट्रा
आशीष दास ने डिजिटल पेमेंट्स पर विभिन्न सरचार्ज के अध्ययन में पाया कि गैर-कानूनी तौर पर सरचार्ज वसूले जाने से डिजिटल पेमेंट करने वालों पर अतिरिक्त लागत का बोझ पड़ रहा है। 2018 में ऑनलाइन पेमेंट्स पर अतिरिक्त 200 करोड़ रुपए वसूले जा चुके हैं। तो पूरी तरह से गैरकानूनी है। वहीं आरबीआई के नियमों के अनुसार ग्राहकों से सरचार्ज वसूलना पूरी तरह गैर-कानूनी है। आरबीआई ने 27 दिसंबर, 2017 के नोटिफिकेशन में बैंकों से सुनिश्चित करने को कहा था कि मर्चेंट्स डेबिट कार्ड से पेमेंट करने वाले ग्राहकों से एमडीआर (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) चार्ज नहीं वसूलें।

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