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Budget 2020: गारमेंट सेक्टर को मिली सकती है राहत, बांग्लादेश से आयात होने वाले कपड़े पर लगेगा आयात शुल्क

Published: Jan 30, 2020 02:14:32 pm

Submitted by:

Piyush Jayjan

पिछले काफी लंबे समय से गारमेंट सेक्टर में मंदी छाई हुई है। इस क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि अब हालात ये है कि वह विदेश से ज्यादा ऑर्डर नहीं ले पा रहें।

Garment Sector

Garment Sector

नई दिल्ली। इस वक़्त दुनिया की ज्यादातर उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं संकट के दौर से गुजर रही हैं। यहीं वजह है कि इसका वैश्विक असर भारत के सकल घरेलू उत्पाद ( GDP ) पर भी पड़ा है। इसलिए भारतीय व्यापारियों का वैश्विक व्यापार भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

कुछ समय पहले तक भारत को दुनिया की सबसे तेज गति से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शुमार किया जाता था। लेकिन चालू वित्त वर्ष की सितंबर 2019 में समाप्त दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि ( GDP Growth Rate ) दर घटकर 4.5 फीसद रह गई। जो कि जनवरी-मार्च 2013 के बाद का निचला स्तर है।

जनवरी-मार्च 2013 की तिमाही में विकास दर 4.3 प्रतिशत रही थी। ऐसे में कारोबारियों का चिंता भी जगजाहिर है पिछले काफी लंबे वक़्त से बाज़ार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है। देशभर के गारमेंट ( Garment ) सेक्टर में लंबे समय से सुस्ती छाई हुई है। गारमेंट सेक्टर के उत्पादन से लेकर निर्यात तक में गिरावट दर्ज की गई है।

जो कि इस सेक्टर से जुड़े लोगों के लिए परेशानी का सबब बन चुकी हैं। यहीं वजह है कि गारमेंट सेक्टर से जुड़े कारोबारी सरकार से इस बार बड़ी राहत की उम्मीद में है। इन कारोबारियों की सबसे बड़ी मांग ये है कि बांग्लादेश से आयात होने वाले गारमेंट पर आयात शुल्क लगाया जाए।

सरकार अभी तक बांग्लादेश ( Bangladesh ) से आने वाले गारमेंट पर आयात शुल्क नहीं वसूलती है। कारोबारियों का मानना है कि आयात शुल्क लगने से घरेलू स्तर पर गारमेंट इंडस्ट्री को बड़ी राहत मिलेगी। इसके साथ ही लागत कम करने से घरेलू उद्योग भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बनेंगे।

इसके अलावा सभी उद्यमी वस्तु एवं सेवा कर रिफंड के सरलीकरण की मांग भी कर रहे हैं। इस क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले उद्यमियों का कहना है कि फिलहाल बाज़ार में उनकी स्थिति ऐसी नहीं है कि वे विदेश से ज्यादा तादाद में ऑर्डर ले सकें। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि इनके उत्पादन की लागत काफी बढ़ गई है, जिससे मुनाफा प्रभावित हुआ है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में बांग्लादेश, श्रीलंका और वियतनाम के गारमेंट भारतीय निर्यातकों में बेहद कड़ी प्रतिस्पर्धा हैं। निर्यातकों के मुताबिक बांग्लादेश की बात की जाए, तो यूरोपीय देशों में वहां से आयात किए जा रहे गारमेंट पर किसी तरह का शुल्क नहीं लगता, जबकि भारतीय गारमेंट पर आयात शुल्क लगता है।

इस कारण विदेशी बाजारों में प्राइस वार छिड़ा हुआ है। जिसमें भारतीय निर्यातक बांग्लादेश से बराबरी नहीं कर पा रहे हैं। इस सेक्टर को रफ्तार की पटरी पर वापस लाने के लिए जीएसटी में छूट की दरकरार है। उद्यमियों का कहना है कि इस बजट में सरकार को गारमेंट सेक्टर से जुड़े लोगों के हितों का ध्यान रखना जरूरी है।

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