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Good News: आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि 15 दिन बढ़ी, करोड़ों लोगों को होगा फायदा

locationनई दिल्लीPublished: Sep 24, 2018 07:05:53 pm

Submitted by:

Manoj Kumar

आयकर विभाग ने कुछ खास श्रेणी के लोगों की आयकर रिटर्न दाखिल करने की छूट दी है।

Income tax return

Good News: आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि 15 दिन बढ़ी, करोड़ों लोगों को होगा फायदा

नई दिल्ली। सरकार ने मूल्याकंन वर्ष 2018-19 के लिए करदाताओं की कुछ श्रेणियों के लिए ऑडिट रिपोर्ट और आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर 2018 तक बढ़ा दी है। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने सोमवार को दिल्ली में जारी बयान में बताया कि इसकी अंतिम तिथि 30 सितंबर थी जिसे 15 दिन बढ़ा दिया गया है। बोर्ड ने यह स्पष्ट किया है कि आयकर की धारा 234ए (व्याख्या 1) के लिए अंतिम तिथि में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। इसके तहत रिटर्न भरने से चुकने वालों को ब्याज का भुगतान करना पड़ता है।
https://twitter.com/IncomeTaxIndia/status/1044181403884285954?ref_src=twsrc%5Etfw
5.42 करोड़ लोगों ने भरा आयकर रिटर्न

वित्त वर्ष 2017-18 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2018 थी। आयकर विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस बार आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में 71 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि समाप्त होने के बाद आयकर विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2017-18 के लिए करीब 5.42 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल किया है। पिछले साल के मुकाबले आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में इस साल आठ गुना इजाफा हुआ है। इसके अलावा वेतनभोगी करदाताओं की ओर से ई-रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में 54 फीसदी का इजाफा हुआ है। हालांकि, कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि करदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी के बाद भी कर राजस्व में ज्यादा इजाफा नहीं हुआ है।
इसलिए बढ़ी करदाताओं की संख्या

रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि समाप्त होने के बाद वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी कर वित्त वर्ष 2017-18 में करदाताओं की संख्या बढ़ने पर खुशी जताई गई थी। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी से पता चलता है कि करदाताओं की ओर से स्वैच्छिक कर अनुपालन बढ़ा है। हालांकि, वित्त मंत्रालय ने कहा था कि करदाताओं की संख्या बढ़ने के पीछे नोटबंदी का असर, जागरुकता, रिटर्न दाखिल न करने पर जुर्माना आदि भी कारण हो सकते हैं।

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