और गहरा सकता है संकट
उदय कोटक के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्थाओं में एनपीए का संकट तेजी से गहरा रहा है। फिर चाहे नीरव मोदी हों या फिर दूसरे कारोबारी जो बैंकों का रुपया लेकर देश छोडक़र भाग रहे हैं। उदय महिंद्रा के अनुसार छोटे कारोबारी भी एनपीए संकट को और ज्यादा गहरा कर सकते हैं। अभी इसके परिणाम सामने नहीं आ रहे हैं। लेकिन आने वाने दिनों में इसके दुष्परिणाम भी सामने आएंगे।
उदय कोटक के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्थाओं में एनपीए का संकट तेजी से गहरा रहा है। फिर चाहे नीरव मोदी हों या फिर दूसरे कारोबारी जो बैंकों का रुपया लेकर देश छोडक़र भाग रहे हैं। उदय महिंद्रा के अनुसार छोटे कारोबारी भी एनपीए संकट को और ज्यादा गहरा कर सकते हैं। अभी इसके परिणाम सामने नहीं आ रहे हैं। लेकिन आने वाने दिनों में इसके दुष्परिणाम भी सामने आएंगे।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के हालिया रिपोर्ट
कोटक के मुताबिक भारत में बैंकों के डूबे कर्ज की राशि 12 से 14 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है, जो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के हालिया रिपोर्ट के अनुसार कुल लोन एसेट्स के 20 फीसदी के बराबर है। पीएनबी घोटाला सामने आने के बाद ऋण की वृद्धि में प्राइवेट सेक्टर के बैंकों का योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि अगले 4 साल में प्राइवेट सेक्टर के बैंकों का ऋण बाजार में 30 फीसदी से 50 फीसदी हिस्सा हो जाएगा।
कोटक के मुताबिक भारत में बैंकों के डूबे कर्ज की राशि 12 से 14 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है, जो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के हालिया रिपोर्ट के अनुसार कुल लोन एसेट्स के 20 फीसदी के बराबर है। पीएनबी घोटाला सामने आने के बाद ऋण की वृद्धि में प्राइवेट सेक्टर के बैंकों का योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि अगले 4 साल में प्राइवेट सेक्टर के बैंकों का ऋण बाजार में 30 फीसदी से 50 फीसदी हिस्सा हो जाएगा।
डिजीटल बैंकिंग की एबीसीडी
उदय कोटक ने बैंक की डिजीटल की एबीसीडी के बारे में जानकारी दी। उन्होने कहा कि बैंक की डिजीटल रणनीति एबीसीडी से प्रेरित होगी। उन्होंने एबीसीडी के मतलब समझाते हुए बताया कि ए-आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, बी-बायोमीट्रिक शाखाएं, सी-कस्टमर अनुभव, डी-डिजाइन है। उनके अनुसार ये इसके मुख्य स्तंभ होंगे।
उदय कोटक ने बैंक की डिजीटल की एबीसीडी के बारे में जानकारी दी। उन्होने कहा कि बैंक की डिजीटल रणनीति एबीसीडी से प्रेरित होगी। उन्होंने एबीसीडी के मतलब समझाते हुए बताया कि ए-आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, बी-बायोमीट्रिक शाखाएं, सी-कस्टमर अनुभव, डी-डिजाइन है। उनके अनुसार ये इसके मुख्य स्तंभ होंगे।