इतना बढ़ा सरकार का कर्ज
हाल ही में केंद्र सरकार के कर्ज रिपोर्ट का 8वां संस्करण जारी हुआ है, जिसके अनुसार मोदी सरकार के कार्यकाल में सरकार पर कर्ज 49 फीसदी तक बढाकर 82 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। जबकि वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक जून 2014 में सरकार पर कुल कर्ज 54.09 करोड़ रुपए था। जोकि सितंबर 2018 में बढ़कर 82.03 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान पब्लिक डेट में 51.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। जिसके बाद ये 48 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 73 लाख करोड़ रुपए हो गया है। पब्लिक डेट में हुई इस बढ़ोतरी की मुख्य वजह इंटरनल डेट में 54 फीसदी की बढ़ोतरी है। जो कि बढ़कर लगभग 68 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है।
52 लाख करोड़ रुपए हुआ मार्केट लोन
मोदी सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल के दौरान मार्केट लोन में लगभग 47.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। जिसके बाद ये 52 लाख करोड़ रुपए हो गया है। जबकि जून 2014 तक गोल्ड बॉन्ड के जरिए कोई कर्ज नहीं लिया गया था। इसके अलावा गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम से जुटाए गए कर्ज का आंकड़ा 9,089 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। केंद्र सरकार ने सरकारी कर्ज पर जारी स्टेटस रिपोर्ट में भारत सरकार के कुल कर्ज की
सारी जानकारी दी है। जिसके बाद वित्त मंत्रालय का कहना है कि सरकार वर्ष 2010-11 से ही सरकारी कर्ज पर वार्षिक स्टेटस रिपोर्ट जारी कर रही है। इस रिपोर्ट में सरकार के फाइनेंशियल डेफिसिट फाइनेंसिंग ऑपरेशन का पूरा ब्योरा मौजूद है।
Read the Latest Business News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले Business News in Hindi की ताज़ा खबरें हिंदी में पत्रिका पर