कच्चे तेल की कीमतों ने भी लगाई आग डॉलर की मजबूती, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों के 86 डॉलर प्रति बैरल के करीब रहने और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की पूंजी निकासी के दबाव में यह 73.81 रुपए प्रति डॉलर के अब तक के रिकॉर्ड निचले स्तर तक लुढ़क गया। कारोबार के दौरान यह 73.40 रुपए प्रति डॉलर के उच्चतम स्तर तक पहुंचा और अंतत: गत दिवस की तुलना में 24 पैसे टूटकर 73.58 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ। एफपीआई ने आज पूंजी बाजार से 19.74 करोड़ डॉलर की पूंजी निकासी की।
शेयर बाजार ने भी दिया झटका विदेशी बाजारों से मिले नकारात्मक संकेतों के बीच डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा की गिरावट और कच्चे तेल की कीमतों में जारी उफान से हतोत्साहित निवेशकों की बिकवाली लगातार दूसरे दिन गुरुवार को भी जारी रही, जिससे शेयर बाजार दो फीसदी से अधिक लुढ़क गए। तेल एवं गैस क्षेत्र तथा ऊर्जा समूह सहित सभी 20 समूहों में हुई बिकवाली से बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 806.47 अंक लुढ़ककर तीन माह के निचले स्तर 35,169.16 अंक पर बंद हुआ। एनएसई का निफ्टी भी 2.59 अंक टूटकर 10,599.25 अंक पर बंद हुआ। विदेशी बाजारों से मिले कमजोर संकेतों और रुपए के लुढ़कने के दबाव में सेंसेक्स गिरावट के साथ 35,820.53 अंक पर खुला और यही इसका दिवस का उच्चतम स्तर भी रहा। पूरे दिन बाजार पर नकारात्मक धारणा हावी रही। डॉलर की तुलना में रुपए के 73.81 रुपये प्रति डॉलर तक टूट जाने से निवेशकों का उत्साह पूरी तरह ठंडा रहा। कई उपायों के बावजूद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 86 डॉलर प्रति बैरल के आसपास रहा, जिससे चालू खाता घाटा बढ़ने की आशंका तीव्र रही। दस साल के बांड का यील्ड भी बढ़त में रहा।