यह भी पढ़ेंः- लोकसभा चुनाव 2019 छठा चरण: 189 अपराधी, 311 करोड़पति, कुछ ऐसे उम्मीदवारों को डालेंगे वोट
31 माह का सबसे निचला स्तर
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया ( एएमएफआई ) के आंकड़ों के मुतातबक अप्रैल में इक्विटी फंडों में निवेश 4,229.47 करोड़ रुपए रहा। यह सितंबर 2016 के बाद यानी 31 माह का सबसे निचला स्तर है। मार्च में इक्विटी फंडों को 11,756 करोड़ रुपए का निवेश मिला था। निश्चित परिवक्वता अवधि वाले फंडों एफएमपी से अप्रैल में निवेशकों ने 17,644 करोड़ रुपए की पूंजी निकाल ली। इसी तरह बांड-डिबेंचर जैसे कर्ज ( डेट ) फंडों से 18,950 करोड़ रुपए की निकासी की गई है। इक्विटी से ज्यादा सुरक्षित माने जाने वाले डेट फंडों से हुई इस निकासी की वजह फंडों की रेटिंग और गे्रड में गिरावट की आशंका है। इसके अलावा फंसे कर्ज की समस्या भी करीब 24 लाख करोड़ रुपए के फंड कारोबार को प्रभावित कर रही है।
यह भी पढ़ेंः- पेट्रोल पर चुनावी मेहरबानी, यूपी की 53 सीटों से ज्यादा प्यारी है दिल्ली की सात सीटें
गिरावट की क्या है वजह
जानकारों की मानें तो चुनाव की अनिश्चितता, अमरीका-चीन के बीच बढ़ते तनाव से अंतरराष्ट्रीय बाजारों के दबाव में होने जैसे कारणों से इक्विटी फंडों में निवेश में कमी आई है। इसके अलावा ईरान पर अमरीकी प्रतिबंधों में सख्ती से कच्चे तेल की कीमतों को लेकर अनिश्चितता के चलते अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्थ पर बने दबाव के चलते भी निवेशक बाजार में गिरावट की आशंका से इक्विटी फंडों में निवेश से बच रहे हैं।
यह भी पढ़ेंः- चीन आैर अमरीका की वजह से देश को हुआ पांच में दिन हुआ 5 लाख करोड़ का नुकसान
SIP ने दिया सहारा
एक म्यूचुअल फंड हाउस के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि किस्तों में निवेश वाले सिस्टेमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान ( SIP ) में पूंजी प्रवाह बना रहने रहने से फंड हाउसों को काफी सहारा मिला है। हालांकि इसकी वजह एसआइपी प्लान की अवधि निर्धारित होना है। जिसके कारण पुराने निवेशकों का निवेश जारी है। अप्रैल के एसआइपी में निवेश 8,200 करोड़ रुपए रहा, जो पिछले महीने की तुलना में दो फीसदी अधिक है। सालाना आधार पर यह 22 फीसदी अधिक है।
Business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार, फाइनेंस, इंडस्ट्री, अर्थव्यवस्था, कॉर्पोरेट, म्युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें patrika Hindi News App.