LIC के पास है ज्यादा हिस्सेदारी
इरडा की ओर से विशेष व्यवस्था के तहत एलआईसी के पास कई सरकारी बैंकों में इस सीमा से अधिक हिस्सेदारी है। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की तरफ से किसी निजी क्षेत्र के बैंक में प्रमोटर की हिस्सेदारी 15 पर्सेंट तक रखने की अनुमति है।
चेयरमैन ने दी जानकारी
इरडा के चेयरमैन सुभाष चंद्र खूंटिया ने यहां फिक्की की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम के मौके पर अलग से कहा, ‘हम एलआईसी द्वारा आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी घटाने की समयसीमा तय करेंगे। हम यह उन पर नहीं छोड़ रहे हैं। मैंने एलआईसी से इस बारे में प्रस्ताव देने को कहा है। उसके बाद हम इस पर फैसला करेंगे।’
IDBi बैंक की है 51 फीसदी हिस्सेदारी
पिछले साल जून में इरडा ने एलआईसी को कर्ज के बोझ से दबे आईडीबीआई बैंक में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति दी थी। एलआईसी ने इस अधिग्रहण के तहत 28 दिसंबर को आईडीबीआई बैंक में 14,500 करोड़ रुपए डाले थे। उसके बाद 21 जनवरी को उसने बैंक में 5,030 करोड़ रुपये और डाले।
तीन गुना बढ़ा मुनाफा
आपको बता दें कि दिसंबर, 2018 को समाप्त तीसरी तिमाही में आईडीबीआई बैंक का घाटा तीन गुना होकर 4,185.48 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में बैंक को 1,524.31 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। तिमाही के दौरान बैंक की कुल आय घटकर 6,190.94 करोड़ रुपए पर आ गई, जो इससे एक साल पहले समान तिमाही में 7,125.20 करोड़ रुपए थी।