Published: Sep 22, 2018 11:55:48 am
Saurabh Sharma
मोटर पॉलिसी में पर्सनल ऐक्सिडेंट प्रोटेक्शन को शामिल कर लिया है, अब मालिक और ड्राइवर का 15 लाख रुपए का बीमा अनिवार्य होगा।
अब ड्राइवर आैर मालिक का होगा 15 लाख का एक्सीडेंटल कवर, बढ़ेगा प्रीमियम का बोझ
नर्इ दिल्ली। देश में बढ़ते एक्सीडेंट आैर उससे मरने वाले लोगों के परिवार को मदद करने के लिए अब सरकार ने सभी मोटर पॉलिसी में पर्सनल ऐक्सिडेंट प्रोटेक्शन को शामिल कर लिया है। अब मालिक और ड्राइवर का 15 लाख रुपए का बीमा अनिवार्य होगा। आर्इआरडीएआर्इ के निर्देशों के अनुसार इस इंश्योरेंस का प्रीमीयम 750 रुपए होगा। यानि अब मोटर इंश्योरेंस कराने के साथ वाहन मालिकों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ जाएगा। आर्इआरडीएआर्इ ने मद्रास हाई कोर्ट के आदेश के बाद 25 अक्टूबर तक लागू करने का निर्देश दिया है।
ये है नए नियम
– आर्इआरडीएआर्इ के निर्देशों के अनुसार गाड़ी के मालिक और ड्राइवर को 15 लाख का कवर अनिवार्य होना चाहिए।
– इस कवर का प्रीमियम 750 रुपए सालाना किया गया है।
– कंपनियां इससे ज्यादा का कवर भी दे सकती हैं।
– कम से कम 15 लाख कवर अनिवार्य रूप से होना चाहिए।
– वर्तमान में दुपहिया वाहनों पर 1 लाख और कमर्शियल कार पर 2 लाख का पर्सनल इंश्योरेंस दिया जाता है।
– कार पर 100 रुपए का प्रीमियम है।
– यात्रियों के लिए वैकल्पिक रूप से पर्सनल इंश्योरेंस उपलब्ध है।
मोटर इंश्योरेंस के साथ अनिवार्य होता है एक्सीडेंट कवर
पर्सनल ऐक्सिडेंट कवर मोटर इंश्योरेंस के साथ अनिवार्य होता है। अगर मोटर का इंश्योरेंस है और ड्राइवर के पास ड्राइविंग लाइसेंस है तो वह कवर का हकदार होता है। यह कवर ड्राइवर और गाड़ी के मालिक दोनों को मिलता है। अगर मालिक गाड़ी न भी चला रहा हो तो भी वह कवर का हकदार है। पर्सनल ऐक्सिडेंट कवर में न केवल मौत का कवर होता है बल्कि डिसैबिलिटी होने पर भी इसका फायदा मिलता है।
आखिर क्यों पड़ी जरुरत?
अब सवाल ये है कि अाखिर पर्सनल एक्सीडेंटल कवर को बड़ाने की क्यों जरुरत पड़ी? जानकारों की मानें तो देश में हजारों लोग एक्सीडेंट से अपनी जान गवां रहे हैं। एेसे में अगर किसी परिवार का भरण पोषण करने वाला एक ही इंसान हो तो उस परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ता है। एेसे में एक्सीडेंट में मरने वाले को 15 लाख रुपए से मदद आसानी से मिल सकती है।