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आयकर विभाग ने एक लाख करोड़ रुपए का बेनामी लेनदेन पकड़ा

locationनई दिल्लीPublished: May 03, 2018 04:59:59 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

सर्वे से मिली जानकारी के अनुसार जो बेनामी लेनदेन पकड़ में आया है वो 2016-17 के वित्‍तीय वर्ष से 3 गुना अधिक है।

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IT department

नई दिल्‍ली। नोटबंदी के एक साल बाद आयकर विभाग की ओर से एक रिपोर्ट जारी की गई है। इस रिपोर्ट में बेहद चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। वर्ष 2017-18 के वित्‍तीय वर्ष में आयकर विभाग ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए 3 लाख बेनामी ट्रांजेक्‍शन पकड़े हैं। आयकर विभाग की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में आयकर विभाग ने बताया कि बीते वित्त वर्ष में तीन लाख बेनामी ट्रांजेक्‍शन में एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का लेनदेन हुआ है। इस पूरे मामले की जांच आयकर विभाग की डायरेक्‍ट्रेट ऑफ इंटेलीजेंस और क्रिमीनल इनवेस्‍टीगेशन डिपार्टमेंट की टीम ने मिलकर की है।

चौंकाने वाली रिपोर्ट
डायरेक्‍ट्रेट ऑफ इंटेलीजेंस और क्रिमीनल इनवेस्‍टीगेशन डिपार्टमेंट की टीमों ने कॉपरेटिव बैंकों, एनबीएफसी, ऑथराइज्‍ड डीलर, फॉरेन एक्‍सचेंज डीलर्स, सब रजिस्‍ट्रारों, सर्राफा व्‍यापारियों और अस्‍पतालों में जाकर 800 से ज्‍यादा सर्वे किए। इस सर्वे में इन बेनामी ट्रांजेक्शंस का खुलासा हुआ है। आपको बता दें कि सभी वित्तीय संस्थानों को तय सीमा से ज्‍यादा रुपयों का लेनदेन होने पर आयकर अधिनियम की धारा 285बीए के अंतर्गत आयकर विभाग को सूचित करना होता है।

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3 गुना ज्‍यादा बेनामी लेनदेन
अायकर विभाग की ओर से जारी सर्वे रिपोर्ट के अनुसार बेनामी लेनदेन के जो मामले पकड़ में आए हैं वो वित्‍तीय वर्ष 2016-17 के मुकाबले 3 गुना अधिक है। वहीं इन ट्रांजेक्‍शन की वैल्‍यू की बात करें तो वह पांच गुना से अधिक हैं। आपको बता दें कि इस रिपोर्ट में 3 लाख बेनामी ट्राजेक्‍शन पकड़ में आने की बात कही गई है, जबकि इसकी वैल्‍यू एक लाख करोड़ रुपए से अधिक बताई जा रही है। जबकि वित्त वर्ष 2016-17 में यह आंकड़ा 16,240 करोड़ रुपए का था।

इतने केसों में हाई वैल्‍यू ट्रांजेक्‍शन
आयकर अधिकारियों के अनुसार, इस रिपोर्ट को बनाने के निए डायरेक्‍ट्रेट ऑफ इंटेलीजेंस और क्रिमीनल इनवेस्‍टीगेशन डिपार्टमेंट की ओर से 800 से ज्‍यादा सर्वे किए गए थे। जिनमें 100 से 1000 केसों में हाई वैल्‍यू बेनामी लेनदेन पाया गया। नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि कि सभी संस्थाओं को वित्तीय लेनदेन के सभी बयानों की आयकर विभाग को रिपोर्ट करना जरुरी होता है।
की गई कार्रवाई
अधिकारियों के अनुसार, सर्वे पूरा होने के बाद पता चला कि किसी भी संस्थान ने हाई वैल्‍यू बेनामी लेनदेन की जानकारी आयकर विभाग को नहीं दी थी। ऐसे संस्‍थानों के खिलाफ आईटी एक्‍ट की धारा 277 और 277ए के तहत सख्‍त कार्रवाई की गई है। अधिकारियों के अनुसार, कई संस्थानों को संशोधन कर रिपोर्ट देने को लिए कहा गया लेकिन इसमें भी कई संस्थान विफल रहे। इस पर एेसे संस्थानों के खिलाफ टैक्स चोरी करने, बेनामी लेनदेन करने और टैक्स चोरी में मदद करने का मुकदमा दर्ज किया गया है।

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