scriptन करें ये 7 गलतियां, पैसा बचाने के बाद नहीं बनेंगे अमीर   | Know Common Investing Mistakes And How To Avoid Them | Patrika News

न करें ये 7 गलतियां, पैसा बचाने के बाद नहीं बनेंगे अमीर  

Published: Aug 01, 2017 09:42:00 pm

निवेश पर अच्छा रिटर्न हर किसी की चाहत होती है। लेकिन कई छोटी-छोटी गलतियां सारी मेहनत पर पानी फेर देती हैं। 

Investment

Investment


नई दिल्ली. निवेश पर अच्छा रिटर्न हर किसी की चाहत होती है। लेकिन कई छोटी-छोटी गलतियां सारी मेहनत पर पानी फेर देती हैं। इन गलतियों में सही प्लानिंग का अभाव, विविधता ना होना, महंगाई को नजरअंदाज करना, टालमटोल करना, देरी से निवेश करना, समीक्षा ना करना, इंश्योरेंस ना लेना आदि जैसी गलतियां भारी पड़ जाती हैं। इनसे बचकर सोच-समझ कर इन्वेस्टमेंट कर ही आप अपनी बचत और निवेश का पूरा-पूरा फायदा उठा सकते हैं।

महंगाई को नजरअंदाज करना

छोटे निवेशक अक्सर निवेश में महंगाई को नजरअंदाज कर देते हैं। जबकि ऐसा कतई नहीं करना चाहिए। भारत जैसे देश में जहां उच्च ग्रोथ के साथ महंगाई दर भी ऊंची होती है। अगर एफडी में निवेश पर 7 फीसदी सालाना रिटर्न मिलता है और औसत महंगाई दर 5 फीसदी रहती है तो उसे वास्तविक रिटर्न मात्र 2 फीसदी मिल पाता है। इससे बचने के लिए विभिन्न एसेट क्लास में अपने निवेश को डाइवर्सिफाई करना फायदेमंद होता है। 

सही प्लानिंग का अभाव 

अधिकांश छोटे निवेशक निवेश करने से पहले अपना उद्देश्य तय नहीं करते हैं। वह बिना कुछ जांचे-परखे सभी एसेट क्लास में एक समान निवेश कर देते हैं। सही प्लानिंग के साथ निवेश करने से ही लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी। यदि अपने उद्देश्यों के हिसाब से तय नहीं कर पा रहे हैं तो फाइनेंशियल प्लानर की मदद ले सकते हैं।

टालमटोल रवैया

निवेश करने में टालमटोली का रिटर्न पर बहुत बुरा असर पड़ता है। निवेश की शुरुआत जल्दी करने पर चक्रवृद्धि का अधिकतम लाभ मिलता है। उदाहरण के लिए अगर 35 साल की उम्र में कोई एक लाख रुपए का निवेश 10 फीसदी की दर पर करता है तो 20 साल बाद (55वें वर्ष में) उसे 6.73 लाख रुपए प्राप्त होंगे। लेकिन अगर इतनी ही राशि का निवेश 25 साल की उम्र में किया जाए तो उसे 55वें वर्ष में 17.45 लाख रुपए मिलेंगे।

निवेश की समीक्षा 

नियमित अंतराल पर निवेश को ट्रैक करना जरूरी है। इससे आपको यह पता चलता है कि आपने जिस एसेट क्लास में निवेश किया है उसका प्रदर्शन कैसा है। अगर आपको लगता है कि आपने जिस एसेट क्लास में निवेश किया है उसका प्रदर्शन अच्छा नहीं तो उसे फिर से दूसरे टूल में निवेश किया जा सकता है। यानी, वहां से पैसा निकालकर वैसे फाइनेंशियल प्रोडक्ट में निवेश करें जहां से बेहतर रिटर्न मिलने की उम्मीद हो। निवेश की समीक्षा आपको बुरे फंडों से निकलने में मदद करती है। 

टैक्स प्लानिंग में जल्दबाजी

अक्सर देखा जाता है कि वित्त वर्ष की समाप्ति पर निवेशक बिना किसी लक्ष्य के टैक्स बचाने के लिए निवेश करते हैं। इससे बचना बहुत जरूरी है। इसके लिए वित्त वर्ष शुरू होने के साथ ही अपनी टैक्स देनदारी की गणना करें। ऐसे निवेश प्रोडक्ट का चयन करें जो टैक्स सेविंग के साथ जोरदार रिटर्न दिलाने में भी सक्षम हो।

इंश्योरेंस की अनदेखी गलत

इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस को शामिल करना न भूलें। कौन संकट कितना बड़ा है और कब आ जाए इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। ऐसे में अचानक कोई आर्थिक बोझ से बचने के लिए इंश्योरेंस अच्छा विकल्प है। लाइफ इंश्योरेंस की जगह टर्म प्लान को तरजीह देनी चाहिए क्योंकि कम प्रीमियम भुगतान पर आपको बड़ा कवर मिलता है।

सही समय का निर्धारण चुनौती 

इक्विटी में निवेश के लिए सही समय का निर्धारण करना सबसे बड़ी चुनौती है। म्यूचुअल फंड निवेशकों को सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिए निवेश करने की सुविधा देते हैं जहां 500 रुपए जितनी कम रकम का मासिक निवेश भी इक्विटी, गोल्ड या डेट फंडों किया जा सकता है। इस प्रकार बाजार में मंदी के समय निवेशक ज्यादा यूनिट और तेजी के समय कम यूनिट खरीद कर अपना लाभ बढ़ा सकता है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो