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जान लिजिए कैसे आपके संदिग्ध लेनदेन के बारे में पता लगाते है बैंक

locationनई दिल्लीPublished: Sep 15, 2017 03:59:35 pm

Submitted by:

manish ranjan

आरबीआई के  रिपोर्ट मे सामने आया कि पिछले साल के मुकाबले इस साल बैंको द्वारा संदिग्ध लेनदेन को लेकर दिए जाने वाले रिपोर्ट मे छह गुना वृद्धि हुई है।

नई दिल्ली। नोटबंदी के दौरान बेहिसाब तरीके से बैंको में नगदी जमा किए गए। कालेधन को सफेद करने के लिए लोगों ने धड़ल्ले से बैंको में पैसे जमा किया। ऐसे मे सवाल ये उठने लगा कि कई लोगो के पास इतने कम समय मे अचानक से इतना पैसे कहां से आया। हाल ही मे आए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक वार्षिक रिपोर्ट मे इस बात का खुलासा हुआ। रिपोर्ट मे ये बात सामने आया कि पिछले साल के मुकाबले इस साल बैंको द्वारा संदिग्ध लेनदेन को लेकर दिए जाने वाले रिपोर्ट मे छह गुना तक वृद्धि हुई है। हालांकि ये डाटा पूरे साल का है और इसमे नोटबंदी के बाद का कोई विशेष आंकड़ा नहीं है। ऐसे मे हम आपको बताते है कि अखिर क्या होता है संदिग्ध लेनदेन और बैंक इसका कैसे पता लगाते है।


क्या होता है संदिग्ध लेनदेन

आमतौर पर आपके द्वारा बैंको मे जमा किया जाने वाला प्रत्येक लेनदेन एक दूसरे से जुड़ा होता है। ऐसे मे यदि कोई भी व्यक्ति एक महीने मे अधिकतम 10 लाख से ज्यादा पैसे अपने खाते में जमा करता है तो ऐसे मे लेनदेन को संदिग्ध माना जाता हैं। बैंक और दूसरे वित्तिय इंटेलीजेंस इकाई किसी भी संदिग्ध लेनदने की जानकारी सरकार का बताती है।


वित्तिय इंटेलीजेंस इकाई के अनुसार बैंक और दूसरे वित्तिय मध्यस्थ इस तरह से आपके संदिग्ध लेनदेन पर नजर रखते है।


कितना हुआ लेनदेन

बैंक सबसे पहले ये देखते है क्लाइंट की वित्तिय हालत इतनी रकम जमा करने की है या नहीं। कहीं वो अपने सीमा से अधिक रकम तो नहीं जमा कर रहा है। अगर बैंको को लगता है कि कोई आपके द्वारा किए गए लेनदेन संदिग्ध है तो बैंक इसकी पुष्टि करने के लिए बैंक जांच करते है। इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि कहीं समुंद्री सीमा के पार से आपके खाते मे अधिक पैसे को लेनदेन तो नहीं हुआ है।


खाते में होने वाली गतिविधि

बैंक आपके पिछले लेनदेन के आधार पर आपके खाते मे होने वाले असामान्य गतिविधि पर भी नजर रखते है। किसी निष्क्रिय खाते मे अचानक से कोई लेनदेन तो नहीं बढ़ गया है। ऐसे में बैंक आपके द्वारा किए गए जांच के लिए असामान्य गतिविधि को मॉनिटर करते है। आपके द्वारा किए जाने वाले लेनदेन की उम्मीद के मुकाबले असामान्य लेनदेन।


मल्टीपल अकाउंट

बैंकों की नजर कई मल्टीपल खातों पर भी रहती है। कहीं एक ही व्यक्ति के पास एक से अधिक खाता तो नहीं है। क्या वो अपने खातो मे आपस मे ही लेनदेन तो नही कर रहा है।


किस तरह के लेनदेन हो रहें है

कई बार ऐसा होता है कि बैंक आपके द्वारा किए जाने वाले जानबूझ के किए जटिल लेनदेन की प्रक्रिया पर भी ध्यान देेते हैं। कहीं जरूरत से अधिक ड्रॉफ्ट तो नहीं खरीद रहे है।


क्लाइंट की पहचान

बैंक आपके द्वारा दिए गए अवैध कागजात को भी चेक करते है। आपके बिजनेस के नाम से अलग नाम पर आपके द्वारा खोले गए खाते पर भी बैंको की नजर रहती हैं।

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