scriptbudget 2020 : 1860 से चली आ रही परंपरा को नहीं तोड़ पाई मोदी सरकार, जानें बजट के लाल बैग का इतिहास | know the history of red budget bag | Patrika News

budget 2020 : 1860 से चली आ रही परंपरा को नहीं तोड़ पाई मोदी सरकार, जानें बजट के लाल बैग का इतिहास

locationनई दिल्लीPublished: Jan 25, 2020 04:34:27 pm

Submitted by:

Pragati Bajpai

जिस वक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब बजट पेश करने पहुंची उस वक्त उनके हाथ के लाल थैले ने सभी का ध्यान खींचा।

Budget Bag

Budget Bag

नई दिल्ली: 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना दूसरा बजट पेश करने वाली हैं । 5 जुलाई को उन्होने अपना पहला बजट पेश किया था लेकिन जिस वक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब बजट पेश करने पहुंची उस वक्त उनके हाथ के लाल थैले ने सभी का ध्यान खींचा। आपको बता दें कि ये पहली बार था जब वित्तमंत्री कपड़े के थैले के साथ बजट पेश करने के लिए पहुंची ।

आपको बता दें कपड़े का बैग भले ही नया था लेकिन हमारे देश में लाल रंग और बजट का गहरा नाता है। इसे आप इस तरह समझ सकते हैं कि बजट वाले चमड़े के बैग का रंग भी लाल ही होता था। आपको मालूम हो कि वित्त मंत्री के हाथों में चमड़े के बैग ये बताने के लिए काफी होता था कि आज बजट पेश हो रहा है।

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भारत में शुभ माना जाता है लाल रंग-

जुलाई में वित्त मंत्री से जब पत्रकारों ने उनसे लाल रंग के कपड़े के थैले को इस्तेमाल करने का कारण पूछा तो उनका कहना था कि भारत के किसी भी हिस्से में जाइए, वहां बही-खाते को लाल रंग के कपड़े में रखने की परंपरा है। दक्षिण भारत में लक्ष्मी पूजा के दौरान इसी तरह से हिसाब-किताब की कॉपी लाल रंग के कपड़े में लपेटकर रखी जाती है। गुजरात और महाराष्ट्र में दिवाली पूजा के अगले दिन और असम में बिहू के वक्त ऐसा ही किया जाता है। ये हमारी परंपरा है। ब्रीफकेस में बजट ले जाना हमारी परंपरा नहीं है। कागज़ों को गिरने से बचाने के लिए उन्हें लाल कपड़े में भी बांधा जा सकता है। इसलिए मैंने सोचा कि बजट को लाल रंग के कपड़े में ले जाया जाए।

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भले ही वित्तमंत्री ने लाल बेग के पीछे कोई भी कारण दिया हो लेकिन सच तो ये है कि ये परंपरा अंग्रेजो के जमाने से चली आ रही है । और ब्रिटिश काल के कई कानूनों को खत्म करने वाली मोदी सरकार दूसरे कार्यकाल में भी इस परंपरा को तोड़ने में नाकाम रही है । चलिए आपको बताते हैं देश के बजट से जुड़े इस लाल बैग की ‘क्रोनोलॉजी’-

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1860 में ब्रिटेन के चांसलर ग्लैडस्टोन ने लकड़ी के बक्से पर लाल रंग का चमड़ा मढ़वा दिया। इस बक्से पर उन्होंने महारानी विक्टोरिया का मोनोग्राम भी लगवा दिया। बाद के दिनों में इस बैग में कई तरह के बदलाव आते गए। वित्त मंत्रियों ने अपने हिसाब से इसमें कई बदलाव किए लेकिन लाल रंग सभी का पसंदीदा रंग बना रहा। बाद में इस लाल रंग को ही बजट के बैग के लिए फिक्स कर दिया गया।

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