संसद के शीत सत्र में रखा जाएगा बिल
इसे इसी शीत सत्र में संसद में रखा जा सकता है। अगर ये बिल पास हो गया तो बैंकिंग व्यवस्था के साथ-साथ आपके लिए कई चीजें बदल जाएंगी। संसद के शीतकालीन सत्र में अगर ये बिल पास हो गया तो बैंकिंग प्रणाली में काफी बदलाव होगा।
इसे इसी शीत सत्र में संसद में रखा जा सकता है। अगर ये बिल पास हो गया तो बैंकिंग व्यवस्था के साथ-साथ आपके लिए कई चीजें बदल जाएंगी। संसद के शीतकालीन सत्र में अगर ये बिल पास हो गया तो बैंकिंग प्रणाली में काफी बदलाव होगा।
तो अपने पैसे खुद नहीं निकाल सकेंगे
एफआरडीआई बिल में है कि बैंक दिवालिया हो गया तो हो सकता है कि उस बैंक में जमा आपकी लाखों की रकम आप खुद ही नहीं निकाल सकेंगे। इसमें बड़ा सवाल बैंकों में रखे आपके पैसे को लेकर है। एफआरडीआई बिल बैंक को अधिकार देता है कि वह अपनी वित्तीय स्थिति बिगडऩे की हालत में आपके जमा पैसे लौटाने से इनकार कर दे और इसके बदले आपको सिक्योरिटीज अथवा शेयर दें।
एफआरडीआई बिल में है कि बैंक दिवालिया हो गया तो हो सकता है कि उस बैंक में जमा आपकी लाखों की रकम आप खुद ही नहीं निकाल सकेंगे। इसमें बड़ा सवाल बैंकों में रखे आपके पैसे को लेकर है। एफआरडीआई बिल बैंक को अधिकार देता है कि वह अपनी वित्तीय स्थिति बिगडऩे की हालत में आपके जमा पैसे लौटाने से इनकार कर दे और इसके बदले आपको सिक्योरिटीज अथवा शेयर दें।
कांग्रेस ने भी उठाए हैं सवाल
कांग्रेस और कई टे्रड यूनियनों ने एफआरडीआई बिल के कई प्रावधानों पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने बिल को जनता विरोधी और गरीब विरोधी बताया है। कांग्रेस ने कहा कि इससे छोटे खाताधारकों को नुकसान होगा।
कांग्रेस और कई टे्रड यूनियनों ने एफआरडीआई बिल के कई प्रावधानों पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने बिल को जनता विरोधी और गरीब विरोधी बताया है। कांग्रेस ने कहा कि इससे छोटे खाताधारकों को नुकसान होगा।
यह है एफआरडीआई बिल
– एफआरडीआई बिल को वित्तीय संस्थानों के दिवालिया होने की स्थिति से बाहर निकालने के लिए बनाया गया है।
– बिल के प्रावधानों के मुताबिक बैंकों के दिवालिया होने की स्थिति में आम लोगों का एक लाख रुपए से अधिक पैसे का इस्तेमाल दिवालिया हो चुके बैंक को फिर से खड़ा करने में लगाया जाएगा।
-आप बैंक में पड़े अपने पैसे को कितना निकाल सकते हैं यह भी केंद्र सरकार ही तय करेगी।
– अगर केंद्र सरकार को लगा कि आपकी एक लाख से ऊपर जमा पूरी राशि को बैंकों का एनपीए कम करने में इस्तेमाल हो सकता है, तो फिर आप अपने खाते से राशि को कम से कम पांच साल के लिए निकाल नहीं पाएंगे।
– एफआरडीआई बिल को वित्तीय संस्थानों के दिवालिया होने की स्थिति से बाहर निकालने के लिए बनाया गया है।
– बिल के प्रावधानों के मुताबिक बैंकों के दिवालिया होने की स्थिति में आम लोगों का एक लाख रुपए से अधिक पैसे का इस्तेमाल दिवालिया हो चुके बैंक को फिर से खड़ा करने में लगाया जाएगा।
-आप बैंक में पड़े अपने पैसे को कितना निकाल सकते हैं यह भी केंद्र सरकार ही तय करेगी।
– अगर केंद्र सरकार को लगा कि आपकी एक लाख से ऊपर जमा पूरी राशि को बैंकों का एनपीए कम करने में इस्तेमाल हो सकता है, तो फिर आप अपने खाते से राशि को कम से कम पांच साल के लिए निकाल नहीं पाएंगे।