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बैकों का दावा विजय माल्या ने नहीं दी अपनी पूरी सम्पत्ति की जानकारी

स्टेट बैंक समेत कई बैकों के समूह ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि माल्या ने जानबूझकर अपनी पूरी संपत्ति की जानकारी नहीं दी

Aug 30, 2016 / 04:14 pm

युवराज सिंह

vijay malya

दिल्ली। करोड़ों रूपए लोन लेकर फरार हुए कारोबारी विजय माल्या को कर्ज देने वाले स्टेट बैंक समेत कई बैकों के समूह ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि माल्या ने जानबूझकर अपनी पूरी संपत्ति की जानकारी नहीं दी। बैकों के मुताबिक, इसमें माल्या को मिली 40 मिलियन डॉलर की वह रकम भी शामिल है, जो उन्हें फरवरी में एक ब्रिटिश कंपनी ने दिए थे।

बैंकों के समूह की ओर से कोर्ट में पेश अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने जस्टिस कुरियन जोसफ और आरएफ नरीमन की बेंच को बताया कि माल्या ने अपनी संपत्ति से जुड़ा हलफनामा मार्च महीने में दाखिल किया था, जबकि ब्रिटिश कंपनी से रकम फरवरी महीने में मिली थी। माल्या ने इस रकम का हलफनामे में जिक्र नहीं किया। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के नियमों के मुताबिक, अवमानना के मामले में नोटिस मिलने के बाद माल्या को कोर्ट के सामने पेश होना है। रोहतगी के मुताबिक, चूंकि माल्या को पेशी से किसी तरह की छूट नहीं मिली है, इसलिए अब उनकी बात और नहीं सुनी जानी चाहिए।

वहीं, माल्या की ओर से कोर्ट में पहुंचे सीनियर एडवोकेट सीएस वैद्यनाथन ने बेंच से कहा कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश को वापस लिए जाने की मांग वाली याचिका दाखिल की है। वैद्यनाथन के मुताबिक, कोर्ट की कोई अवमानना नहीं हुई है। एडवोकेट ने यह भी दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट के संपत्ति के खुलासा करने से जुड़े आदेश का पालन किया गया है। इसके बाद कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश को वापस लिए जाने से जुड़ी माल्या की याचिका का जवाब दें। कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को करेगा।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीती 25 जुलाई को माल्या को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने यह नोटिस बैकों के समूह की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए भेजा था। याचिका में बैंकों ने आरोप लगाया था कि माल्या ने एक ब्रिटिश कंपनी से मिली 40 मिलियन डॉलर की रकम समेत अपनी पूरी संपत्ति का खुलासा नहीं किया। अटॉर्नी जनरल की दलीलों के बाद कोर्ट ने माल्या को नोटिस जारी करके जवाब देने को कहा था। 14 जुलाई को रोहतगी ने दावा किया कि माल्या ने सुप्रीम कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में अपनी संपत्ति से जुड़ी गलत जानकारियां दी हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि बहुत सारी जानकारियां छिपाई गईं। इनमें 2500 करोड़ रुपए की नकदी का ट्रांजेक्शन भी शामिल है। रोहतगी के मुताबिक, माल्या ने कोर्ट की अवमानना की। कोर्ट ने माल्या को अपनी संपत्ति की डिटेल्स सीलबंद लिफाफे में दाखिल करने को कहा था। माल्या पर करीब 17 बैकों के 9 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज है।

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