आरबीआई ने दिए थे आदेश
इस संदर्भ में मास्टरकार्ड, इंडिया एंड और दक्षिण एशिया प्रभाग के प्रभारी पौरुष सिंह ने कहा कि कंपनी 200 से अधिक देशों में परिचालन करती है, लेकिन भारत के अलावा किसी अन्य देश ने उसे अपने नागरिकों से संबंधित सूचनाओं को विदेशी सर्वर से मिटाने के लिए नहीं कहा है। दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अप्रैल में नए नियम जारी किए थे जिसमें भुगतान कंपनियों को भारतीय नागरिकों के लेनदेन से जुड़े सभी आंकड़े भारत में स्थापित कंप्यूटर डाटा-संगह सुविधाओं में ही रखना अनिवार्य कर दिया गया था।
लेनदेन में होंगी कई दिक्कतें
सभी भारतीयों के नए लेनदेन से जुड़े आंकड़ों को 6 अक्टूबर से उसके पुणे के तकनीकी केंद्र में स्टोर किया जा रहा था। सिंह ने कहा कि आंकड़ों को हटाना ‘बटन दबाने’ जितनी आसान प्रक्रिया नहीं है, क्योंकि लोग आप पर आरोप लगा सकते हैं। लेनदेन में विवाद जैसी स्थिति हो सकती है। हमने आरबीआई को प्रस्ताव दे दिया है और उसके जवाब का इंतजार कर रहे हैं।
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