आपूर्ति से ज्यादा होगी प्रोफेशनल की मांग इसमें कहा गया है कि इस उद्योग में प्रतिभा और कौशल की मांग उसकी आपूर्ति से कहीं अधिक रहेगी। इसलिए उद्योग को 2020 तक पूरी तरह से अलग तरह के श्रमबल के लिए तैयार रहना होगा। मीडिया और मनोरंजन संगठनों को अपनी वृद्धि को बल देने के लिए अपनी रणनीतियों को नए सिरे से तैयार करना होगा ताकि वह खुद को बदलते हुई परिस्थितियों के लिए ढाल सके।
जीडीपी में 2.8 फीसदी का योगदान
मौजूदा समय में मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र का भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान करीब 1,35,000 करोड़ रुपए का है और यह करीब 10 लाख लोगों को रोजगार मुहैया करा रहा है। अगले पांच साल में इसका योगदान बढक़र 4,50,000 करोड़ रुपए का हो जाएगा। साथ ही इस सेक्टर में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से काम करने वालों की संख्या 40 लाख हो जाएगी। इसके चलते भारत की जीडीपी में इसका योगदान करीब 2.8 फीसदी होगी।
डिजिटल मीडिया होगा सबसे ज्यादा फायदेमंद
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि डिजिटल मीडिया, रचनाकारों, कथालेखकों और प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के लिए अब तक का सबसे ज्यादा फायदेमंद सेगमेंट होगा। क्योंकि इस सेक्टर में सबसे अधिक नई नियुक्तियां निकलेंगी। हालांकि, मीडिया और मनोरंजन इंडस्ट्री के लिए यंग प्रोफेशनल को ट्रेंड करना सबसे बड़ी चुनौती होगी। वर्ष 2022 तक डिजिटल मीडिया में कई नई पोस्ट क्रिएट होंगी। ऐसा नई टेक्नोलॉजी को अपनाने से होगा। इससे इस सेक्टर में नौकरियों में काफी इजाफा होगा।
12 फीसदी सालाना वृद्धि दर्ज करेगा
मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में अगले पांच साल के दौरान 11 से 12 फीसदी वृद्धि बनी रहने के अनुमान जताया गया है। इसकी वजह देश के छोटे इलाकों में बढ़ती खपत को बताया गया है।