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बैंकों को मुफ्त सेवाओं पर देने ही होंगे 15 हजार करोड़, केंद्र सरकार ने सुनाया ये फरमान

इससे पहले जून में भी बैंकों को नोटिस थमाकर टैक्स और जुर्माना अदा करने को कहा था।

Oct 11, 2018 / 07:32 pm

Manoj Kumar

Government Banks

बैंकों को मुफ्त सेवाओं पर देने ही होंगे 15 हजार करोड़, केंद्र सरकार ने सुनाया फरमान

नई दिल्ली। बैंकों की ओर न्यूनतम जमाराशि वाले ग्राहकों को दी जाने वाली मुफ्त सेवाएं बंद हो सकती हैं। केंद्र सरकार ने इन मुफ्त सेवाओं पर 19 बैंकों से 15 हजार करोड़ रुपए का कर जमा करने को कहा है। केंद्र सरकार के इस निर्देश के बाद इसका अंतिम भार ग्राहकों पर ही पड़ने की संभावना है। सरकार ने बैंकों से पिछले पांच साल में इन सेवाओं पर कर देनदारी का आकलन कर बैंकों से इसे चुकता करने को कहा है। ब्याज और जुर्माने को जोड़कर यह राशि 35 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच जाती है।
किस बैंक पर कितना बकाया

खबरों के मुताबिक एचडीएफसी बैंक पर 6500 करोड़, आइसीआइसीआइ पर 3500 करोड और एक्सिस बैंक पर 2500 करोड़ चुकाना होगा। एसबीआइ, येस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक को 1000-1000 करोड़ रुपए तक चुकाना पड़ सकता है। इससे पहले जून में सरकार ने इन सेवाओं पर कर देनदारी होने से इनकार कर दिया था। भारतीय बैंक संघ के प्रमुख वी जी कन्नन का कहना है कि वह सरकार से मुफ्त सेवाओं पर टैक्स नहीं लगाने का अनुरोध करेंगे।
ये है पूरा मामला

दरअसल, मिनिमम बैलेंस बनाए रखने वाले ग्राहकों को दी जाने वाली मुफ्त सेवाओं पर पहले कोई टैक्स नहीं लगता था। लेकिन इसी साल जून में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) खुफिया महानिदेशालय ने बैंकों को नोटिस भेजकर इन सेवाओं पर टैक्स की मांग की थी। तब बैंकों की ओर से विरोध करने पर केंद्र सरकार ने हस्तक्षेप करते हुए इन सेवाओं पर किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लगाने की बात कही थी। अब एक बार फिर बैंकों को नोटिस दिए जाने से यह मामला फिर से उठ गया है। बैंकों को नया नोटिस करीब एक माह पहले दिया गया था।

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