इन चार कारणों से निदेशक मंडल में महिलाएं जरूरी आईएमएफ का कहना है कि इसके चार संभावित कारण हो सकते हैं। पहला, जोखिम प्रबंधन में पुरुषों की तुलना में महिलाएं बेहतर होती हैं। दूसरा, भेदभाव पूर्ण नियुक्ति प्रथा के बावजूद जो महिलाएं शीर्ष पर हैं वे पुरुषों की तुलना में ज्यादा योग्य तथा अनुभवी होती हैं। तीसरा, निदेशक मंडल में ज्यादा महिलाओं के रहने से सोच में विविधता आती है जिससे निर्णय बेहतर होता है। चौथा, महिलाओं को ज्यादा आकर्षित करने वाले तथा उन्हें शीर्ष पदों के लिए चुनने वाले संस्थान पहले से ही सुप्रबंधित हैं। ब्लॉग में कहा गया है कि आईएमएफ के शोधपत्र के अनुसार निदेशक मंडल में सोच की विविधता के कारण बैंकों में स्थिरता आती है। साथ ही नियुक्ति प्रक्रिया में विविधता के कारण शीर्ष पर पहुंचने वाली महिलाएं अपने समकक्ष पुरुषों की तुलना में ज्यादा योग्य होती हैं।
वित्तीय स्थिरता के लिए महिलाओं का वित्तीय समावेशन जरूरी आईएमएफ का कहना है कि इससे स्पष्ट है कि आर्थिक विकास तथा वित्तीय स्थिरता के लिए महिलाओं का वित्तीय समावेशन जरूरी है। उसने कहा है कि बैंकों तथा नियामक एजेंसियों में शीर्ष पदों तक महिलाओं की पहुंच सुनिश्चित करने का लक्ष्य कैसे हासिल किया जा सकता है, इस पर अभी ज्यादा शोध की जरूरत है। ब्लॉग में उसने बताया कि वित्तीय समावेशन के मामले में महिलाएं अभी भी काफी पीछे हैं। वर्ष 2016 में बैंकों में पैसे जमा करने और निकालने वालों में मात्र 40 फीसदी महिलाएं रहीं। इसमें ब्राजील में जहां उनका प्रतिशत 51 रहा, वहीं पाकिस्तान में यह आंकड़ा मात्र आठ फीसदी रहा। वित्तीय सेवाओं तक महिलाओं की पहुंच ज्यादा होने से आर्थिक और सामाजिक लाभ होता है।