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जीएसटी से 28 फीसदी स्लैब को हटाना जरूरीः अरविंद सुब्रमण्‍यन

Published: Jun 28, 2018 01:59:19 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

सरकार के मुख्‍य आर्थि‍क सलाहकार अरविंद सुब्रमण्‍यन ने कहा गुड्स एंड सर्विस टैक्स को और सहज बनाने के लि‍ए सबसे पहले 28 फीसदी के टैक्‍स स्‍लैब को हटाना होगा और समान दर से सेस लागू करना होगा।

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जीएसटी से 28 फीसदी स्लैब को हटाना जरूरीः अरविंद सुब्रमण्‍यन

नर्इ दिल्ली। जहां एक आेर जीएसटी को एक साल होने जा रहे हैं। वहीं दूसरी आेर केंद्र सरकार के मुख्‍य आर्थि‍क सलाहकार ने जीएसटी से 28 फीसदी स्लैब को हटाने की बात कहकर एक आैर विवाद को जन्म दे दिया है। मुख्‍य आर्थि‍क सलाहकार के इस बयान के बाद सरकार आैर फाइनेंस मिनिस्ट्री पूरी तरह से सकते हैं।

28 फीसदी स्लैब को हटाना जरूरी
सरकार के मुख्‍य आर्थि‍क सलाहकार अरविंद सुब्रमण्‍यन ने कहा गुड्स एंड सर्विस टैक्स को और सहज बनाने के लि‍ए सबसे पहले 28 फीसदी के टैक्‍स स्‍लैब को हटाना होगा और समान दर से सेस लागू करना होगा। उन्‍होंने कहा, ‘अभी जीएसटी की दरें 0 फीसदी, 3 फीसदी, 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28फीसदी हैं। हमें इन्‍हें तर्कसंगत करना होगा, मगर मेरा मानना है कि‍ सबसे पहले 28 फीसदी वाली दर को खत्‍म करना होगा।’

समान होने चाहिए सेस के रेट
अरविंद से जब यह पूछा गया कि क्‍या सभी प्रकार के सेस को खत्‍म कर देना चाहि‍ए तो उन्‍होंने कहा कि मैं कह रहा हूं कि एक आदर्श सि‍स्‍टम के लि‍ए 28 फीसदी के स्‍लैब को जाना होगा। सेस बरकरार रह सकता है क्‍योंकि कुछ प्रोडक्‍ट पर ज्‍यादा रेट रखना होगा मगर तब भी कई तरह के रेट नहीं होने चाहि‍ए। अपनी रि‍पोर्ट में हमने एक 18 फीसदी और दूसरा 40 फीसदी रेट रखा था। सेस दरअसल 40 फीसदी के रेट को लागू करने का एक अन्‍य तरीका है।

जीएसटी की हो रही है चोरी
जीएसटी इंटेलिजेंस के डीजी जॉन जोसेफ की मानें तो इन्‍वेस्टिगेशन विंग ने दो महीने के भीतर 2,000 करोड़ रुपए से अधिक की टैक्‍स चोरी का पता लगाया है, लेकिन यह बहुत कम है। डाटा विश्लेषण से पता चला है कि अब तक GST में रजिस्‍टर्ड 1.11 करोड़ से अधिक कारोबारियों में से केवल 1 फीसदी कारोबारी 80 फीसदी टैक्‍स का भुगतान करते हैं।

एमएनसी आैर काॅरपोरेट भी कर रहे हैं गलती
CBEC के सदस्य जॉन जोसेफ के अनुुसार छोटे कारोबारी तो जीएसटी रिटर्न दाखिल करते समय गलतियां कर ही रहे हैं, बल्कि मल्टीनेशनल कंपनीज और बड़े कॉरपोरेट भी गलती कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि हमारे पास 1 करोड़ से अधिक एंटरप्राइजेज का पंजीकरण है, लेकिन यदि आप यह देखते हैं कि टैक्‍स कहां से आ रहा है, तो टैक्‍स के 80 फीसदी हिस्‍से का भुगतान करने वाले 1 लाख से भी कम लोग हैं।

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