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पीएफ का पैसा निकालने पर 1 जून से चुकाना होगा “इतना” TDS

ईपीएफओ
पीएफ का पैसा निकालने पर काटे जाने वाले टीडीएस के नए नियम 1 जून से शुरू करने जा
रहा है

May 22, 2015 / 10:04 am

अमनप्रीत कौर

EPFO

नई दिल्ली। ईपीएफओ पीएफ का पैसा निकालने पर काटे जाने वाले टीडीएस के नए नियम 1 जून से शुरू करने जा रहा है। ईपीएफओ के ताजा सर्कुलर के मुताबिक फिनांस एक्ट 2015 में नई धारा 192-ए जोड़ी गई है। इसके तहत जिस कर्मचारी का सालाना रिटायरमेंट सेविंग 30 हजार रूपए से ज्यादा है और वह पांच साल पूरे होने से पहले पीएफ अकाउंट से पैसा निकालता है तो उसे 10 फीसदी टैक्स का भुगतान करना होगा।

वहीं सेक्शन 192ए के अनुसार जिन कर्मचारियों के पास पैन कार्ड नहीं है उनके प्रोविडेंट फंड से टैक्स ज्यादा काटा जाएगा। वहीं अगर फॉर्म नंबर 15 जी या 15 एच जमा किया जाता है तो कोई टीडीएस नहीं काटा जाएगा। गौरतलब है कि यह फॉर्म यह घोषित करता है कि ईपीएफओ से पीएफ हासिल करने के बाद कर्मचारी की आय कर योग्य नहीं है। इसमें फॉर्म नंबर 15 एच वरिष्ठ नागरिकों यानी कि 60 साल की उम्र से ज्यादा के लोगों के लिए जमा किया जाता है और फॉर्म नंबर 15जी 60 साल से कम उम्र के लोगो के लिए जमा किया जाता है।

सर्कुलर के मुताबिक अगर कर्मचारी पैन या फॉर्म 15जी या 15 एच जमा नहीं करवाता है तो उसे अधिकतम 34.608 प्रतिशत के मार्जिनल रेट से टीडीएस चुकाना होगा। पीएफ ऑफिस के अधिकारियों की मानें तो ईपीएफओ के 90 फीसदी यानी कि लगभग 8.5 करोड़ लोगों के पास पैन कार्ड नहीं है। ऎसे में उन्हें बचत पर ज्यादा टैक्स का भुगतान करना पड़ सकता है।

नियम यह है कि जिस भी कंपनी में 20 से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं उस कंपनी को 15000 रूपए तक कमाने वाले सभी कर्मचारियों का ईपीएफ अकाउंट खुलवाना होता है। कानूनन कर्मचारी के वेतन का 24 फीसदी (12 फीसदी कर्मचारी की सैलेरी से काटा जाता है और 12 फीसदी ही कंपनी अपनी तरफ से इस अकाउंट में डालती है)उसके पीएफ अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता है ताकि उसे सुखद रिटायरमेंट दिया जा सके।

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