इन कंपनियों को टक्कर देने की तैयारी
कंपनी की योजना है कि वो प्लेटफार्म से बाहर भी कस्टमर्स आैर विक्रेताआें को वित्तीय सेवाएं दे आैर वो अपना मुकाबला पेटीएम आैर बजाज फिनसर्व जैसी कंपनियों से भी करे। यही नहीं, छोटी बीमा याेजनाआें की सुविधा देने के लिए कंपनी कर्इ बीमा कंपनियों से भी हाथ मिला रही है। बिजनेस स्टैंडर्ड को दिए इंटरव्यू में फिनटेक श्रेणी के उपाध्यक्ष रवि गरिकीपति ने कहा, ‘हम अपने उपभाेक्ताआें के लिए विभिन्न प्रकार के वित्तीय समाधान देना चाहते हैं। प्रौद्योगिक आैर डाटा का इस्तेमाल कर इन उत्पादों को समावेशी, सरल आैर पारदर्शाी बनाया जाएगा। उपभोक्ताआें की गहरी समझ से हमें कर्ज जोखिम प्रोफाइल बनाने में मदद मिली है।’
कर्ज की कमी से कम कस्टमर्स करते हैं खरीदारी
मौजूदा समय में फ्लिपकार्ट के 60 फीसदी एेसे उपभोक्ता हैं जिनके पास कर्ज व्यवस्था न होने की वजह से बड़ी खरीदारी करने में असमर्थ हैं। एेसे में कंपनी के कारोबार पर असर पड़ता है। हालांकि कंपनी ने उपभोक्ताआें को बड़ी खरीदारी करने के लिए किस्तों में भुगतान करने का विकल्प दे रखा है। इसके लिए कंपनी ने बैंकों आैर गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों से पार्टनरशिप भी की है। इसके पहले भी कंपनी ने अपने विक्रेताआें को कर्ज देने का शुरुआत की थी लेकिन कर्ज देने की प्रक्रिया में देरी से कंपनी को इसे समाप्त करना पड़ा था।
हाल ही में वाॅलमार्ट ने फ्लिपकार्ट में खरीदा था 77 फीसदी हिस्सेदारी
अापको बता दें कि अभी हाल ही में दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी वाॅलमार्ट इंक ने फ्लिपकार्ट में 77 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदी थी। दोनों कंपनियों के बीच ये डील 16 अरब डाॅलर (करीब 1,07,662 करोड़ रुपये) में पूर हुआ था।