फाइनेंस

इनकम टैक्स रिटर्न में देना होगा विदेश यात्रा का भी ब्योरा

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने किए आईटीआर फार्म में बड़े
बदलाव,काले धन पर लगेगी लगाम

Apr 18, 2015 / 10:03 am

अमनप्रीत कौर

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जयपुर। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने देशभर के करदाताओं के लिए अपनी विदेश यात्रा का ब्योरा देना अनिवार्य कर दिया है। उन्हें इसी वित्त वर्ष से आयकर रिटर्न के साथ ही अपने सभी बैंक खातों और विदेश यात्राओं का विवरण देना हेागा। रिटर्न के नए फार्म इसी वित्त वर्ष से दिए जाएंगे। नए आईटीआर फार्म में 31 मार्च तक की बैंक अकाउंट की डिटेल देनी होगी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2014-15 की आयकर विवरणी भरने के लिए नए फार्म आईटीआर 1(सहज) आईटीआर 2 एवं आईटी आर 4एस जारी कर दिए हैं। इनमें विभाग ने कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। कर सलाहकारों का मानना है कि फार्म में इस तरह के बदलाव करने के पीछे सरकार की मंशा काले धन को नियंत्रित करने की है।

विदेशी खातों की जानकारी अनिवार्य

आईटीआर 2 में करदाता का भारत के बाहर इनवेस्टमेंट, प्रॉपर्टी और विदेशी खाता है, तो उसकी जानकारी फार्म मे देनी होगी। इसके साथ ही भारत से बाहर कोई यात्रा की है तो उसकी जानकारी भी फॉर्म में भरनी होगी।

एनआरआई पर शिकंजा

अगर किसी अप्रवासी भारतीय को भारत मे कोई केपिटल गेन से आय प्राप्त हो रही है एवं डीटीएए के तहत वह भारत में कर योग्य नहीं है, तो उसकी समस्त जानकारी भी देनी होगी।

ऑनलाइन जरूरी

ऎसे करदाता जिनकी रिटर्न में रिफंड बन रहा है, उन्हें अब रिटर्न ऑनलाइन भरना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा पहले 5 लाख से ऊपर आय वाले सभी व्यक्तिगत करदाता को अपनी आयकर विवरणी ऑनलाइन पेश करना अनिवार्य था, लेकिन अब ऎसे करदाता जिनकी आयु 80 वर्ष से अधिक है, उन्हें अपनी विवरणी मेन्यूअल फाइल करने की छूट प्रदान की गई है। पहले साजेदारी फर्मों को जिनकी कुल आय 5 लाख से कम थी, उन्हें अपनी विवरणी मेन्युअल पेश करने की छूट थी, लेकिन अब इन्हें ऑनलाइन ही फाइल करना होगा।

यहां भी बदलाव की संभावना

विभाग ने अभी फार्म आईटी आर 3,4,5, 6 एवं 7 जारी नहीं गिए हैं, जो कि व्यापारियों से संबधित हैं, उनमें भी भारी बदलाव की संभावना है।

जारी हुए फार्म: आटीआर-1

यह फार्म ऎसे करदाताओं के लिए है, जिनकी आय वेतन, किराया, ब्याज से है।

आईटीआर-2

यह फार्म उन करदाताओं के लिए है, जिनकी आय कैपिटल गेन या किसी मल्टीपल प्रॉपटी के किराए हो रही है।

आईटीआर 4एस

यह फार्म उन व्यापारियों के लिए जो आयकर की धारा 44 एडी एवं 44 एएफ के आधार पर अपनी आय दिखाते है।

खातों पर नजर

कर सलाहकार संदीप अग्रवाल ने बताया कि इस बार सभी फार्मों मे कर दाताओ को अपने सभी बैंक खातों की जानकारी देनी होगी, जबकि इससे पूर्व करदाता को केवल एक खाते की जानकारी देनी होती थी। फार्म में बैंकों का नाम उनका आईएफ एससी कोड, खाता नंबर, 31 मार्च तक बैक का बैलेंस मांगा गया है। करदाता को ऎसे खातों की भी जानकारी देनी है, जो साल के दौरान बंद हो गए हो। इसके अलावा अगर खाते का कोई जॉइंट होल्डर है तो उसकी भी जानकारी देनी पड़ेगी।

रिटर्न भरना आसान

करदाताओं को अब ऑनलाइन भरी गई रिटर्न की एक प्रति विभाग को भेजने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि आयकर विभाग ने एक नई ग्राहक सत्यापन प्रणाली पेश की है, जिससे उन्हें तात्कालिक पासवर्ड (ओटीपी) भेजा जाएगा। इसके साथ ही रिटर्न फार्म में उनकी आधार संख्या को भी शामिल किया जाएगा। मौजूदा व्यवस्था के तहत करदाता को अपना आईटीआर-वी (सत्यापन) फार्म डाक से आयकर विभाग के बेंगलूरू स्थित केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र (सीपीसी) में भेजना होता है।

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