बैंक अधिकारियों से बातचीत शुरू बैंकों के विलय को लेकर सरकार ने गंभीरता दिखानी शुरू कर दी है। आधिकारिक सूत्रों के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएनबी, ओबीसी और आंध्रा बैंक के विलय को लेकर सरकार ने इन तीनों बैंकों के अधिकारियों से बातचीत शुरू कर दी है। सरकार इन बैंकों के अधिकारियों से विलय के दौरान आने वाली समस्याओं को दूर करने, संचालन सुचारु बनाए रखने आदि मामलों पर बातचीत कर रही है। जैसे ही यह बातचीत पूरी हो जाएगी, वैसे ही इन बैंकों के विलय की घोषणा कर दी जाएगी। सूत्र ने कहा है कि इस विलय की घोषणा दिसंबर 2018 तक संभव है। सूत्र के अनुसार, सरकार की योजना इन तीनों बैंकों का विलय कर 1 अप्रैल 2019 से नए बैंक के संचालन की योजना बना रही है।
बीते सप्ताह हुई थी तीन बैंकों के विलय की घोषणा इससे पहले बीते सप्ताह सोमवार को सरकार ने बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक के विलय की घोषणा की थी। घोषणा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि इन बैंकों के विलय के बाद एक नए बैंक का गठन होगा, जो देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा। साथ ही वित्त मंत्री ने कहा था कि इस विलय से किसी भी कर्मचारी या ग्राहक को कोई नुकसान नहीं होगा। यह नरेंद्र मोदी सरकार का दूसरा बड़ा बैंकिंग विलय था। इससे पहले सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक के पांच सब्सिडिरी बैंक और भारतीय महिला बैंक का एसबीआई में विलय कर दिया था। अब यदि सरकार पंजाब नेशनल बैंक, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और आंध्रा बैंक के विलय की घोषणा करती है तो यह इस सरकार के कार्यकाल का तीसरा बड़ा बैंकिंग विलय होगा।
देश में बचेंगे केवल 6 सरकारी बैंक इससे पहले एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि केंद्र सरकार की योजना देश में केवल 5 या 6सरकारी बैंक रखने की है। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि सरकार छोटे-छोटे सार्वजनिक बैंकों का एक दूसरे में विलय कर 5 या 6 बड़े सरकारी बैंक बना सकती है। इस रिपोर्ट के अनुसार, सरकार देश के सभी सरकारी बैंकों का तीन-तीन के ग्रुपों में मर्जर कर सकती है।