scriptएफडी से कमाई पर अब आईटी विभाग की नजर | Now Income Tax department eyes on your FD income | Patrika News

एफडी से कमाई पर अब आईटी विभाग की नजर

locationनई दिल्लीPublished: Aug 29, 2017 09:01:00 am

Submitted by:

manish ranjan

सरकार की नजर खासकर उन लोगो पर ज्यादा है जिन्होंने 5 लाख रुपए से ज्यादा की एफडी के ब्याज का टैक्स नहीं भरा है।

Dixed deposit

नई दिल्ली। आयकर विभाग की नजर अब उन लोगों पर है जिन्होंने फिक्स डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज से मोटी कमाई की है, लेकिन उसका टैक्स नहीं भरा है। सरकार की नजर खासकर उन लोगो पर ज्यादा है जिन्होंने 5 लाख रुपए से ज्यादा की एफडी के ब्याज का टैक्स नहीं भरा है। ऐसे लोगों पर इनकम टैक्स विभाग कड़ी कार्रवाई कर सकता है। विभाग ने यह कदम टैक्स बेस बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों का ही एक हिस्सा है।


इसके तहत, अधिकारियों का ध्यान उन प्रफेशनल्स पर भी है जो अपनी फी कैश में लेते हैं और अपनी सही आमदनी को नहीं दिखाते हैं। हालांकि ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें पकड़ में लाना इतना आसान नहीं है। इसलिए इनकम टैक्स विभाग ने रिटर्न भरने से लेकर उसके फॉर्म में कई तब्दीली की है। गौरतलब है कि ऐसे लोगों में कई सीनियर सिटिजन भी शामिल हैं जो अपनी कर योग्य आय में ब्याज से मिली रकम को शामिल नहीं करते या रिटर्न ही फाइल नहीं करते।


एफडी में निवेश पर ब्याज

देश में ज्यादातर लोग बचत खाते और एफडी में निवेश को पहली पसंद मानते है। एफडी पर फिलहाल अधिकतर बैंक 6.25 फीसदी का रिटर्न देते हैं। हालांकि कई ऐसे स्कीम है जहां ज्यादा ब्याज मिलता है।


टैक्स बेस बढ़ाना मकसद

सरकार ने यह कदम देश में टैक्स के बेस को बढ़ाने के प्रयास के तहत उठाया जा रहा है। इसमें उन पेशेवरों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है, जो नकद में अपनी कमाई करते हैं और एक भव्य जीवन शैली के बावजूद भी अपनी सटीक आय का खुलासा नहीं करते। विभाग कई एजेंसियों से मिलने वाले कई आंकड़ों के जरिये उन करदाताओं की पहचान करेगा, जिनकी ब्याज से होने वाली आय उनके सालाना खातों में दिखती नहीं है या वे जानबूझकर उनका खुलासा नहीं करते हैं।


कैसे पता लगाएगा विभाग

दरअसल ब्याज से होने वाली आय को अधिक टिकाऊ स्रोत माना जाता है। टैक्स विभाग के अधिकारी एफडी पर टीडीएस काटने वाले बैंकों से उपलब्ध जानकारी को हासिल कर रहे हैं। जिसमें पाया गया कि कई मामलों में 10 फीसदी कर का भुगतान किया जाता है, विभाग तेजी से ऐसे लोगों की लिस्ट बना रही है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो