प्याज की कीमतों में हो रहे इजाफे के चलते इसकी जमाखोरी भी तेज हो गई थी। वहीं लोकल दुकानदार ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में इन्हें अधिक कीमत पर बेच रहे थे। इन्हीं सब पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार काफी दिनों से कोशिश कर रही थी। आखिरकार अब नैफेड की ओर से एक कड़ा कदम उठाया गया है। आदेश के मुताबिक आयातित प्याज बंदरगाह शहरों से वितरित किया जाएगा, इसलिए राजय सरकारों से प्याज की मात्रा की जानकारी ली गई है। ताकि तेजी से आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
नैफेड ने आयातित प्याज की अतिरिक्त आपूर्ति के लिए नियमित निविदा जारी करने की योजना बनाई है। लोगों की अच्छी गुणवत्ता वाले प्याज मिल सके इसके लिए निजी आयातकों को आपूर्ति करने की पेशकश की गई है। मालूम हो कि पिछले साल प्याज का आयात तुर्की और मिस्र से किया गया था। मगर इस बार कम समय में अच्छी क्वालिटी के प्याज को खरीदने के लिए निजी आयतकों से संपर्क किया गया है। इस कदम से प्याज की थोक और खुदरा कीमतों में लगातार गिरावट देखी जा रही है।
निविदा की प्रक्रिया पूरी
किस राज्य को कितनी मात्रा में प्याज चाहिए इसके लिए वहां की सरकारों से विवरण मांगा गया है। साथ ही सभी जगह प्याज की आपूर्ति सही समय पर हो सके इसके लिए निविदा की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसीलिए कई सफल बोलीदाताओं को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी गई है। मालूम हो कि भारत में आमतौर पर मध्यम आकार के प्याज को पसंद किया जाता है, इसलिए अच्छी क्वालिटी के प्याज को उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है।
किस राज्य को कितनी मात्रा में प्याज चाहिए इसके लिए वहां की सरकारों से विवरण मांगा गया है। साथ ही सभी जगह प्याज की आपूर्ति सही समय पर हो सके इसके लिए निविदा की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसीलिए कई सफल बोलीदाताओं को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी गई है। मालूम हो कि भारत में आमतौर पर मध्यम आकार के प्याज को पसंद किया जाता है, इसलिए अच्छी क्वालिटी के प्याज को उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है।