ये है दस्तावेजरहित ऋण आवेदन प्रक्रिया
इस विषय में शनिवार को बातचीत के दौरान कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘लम्बे समय से भारतीय एसएमई सेक्टर के पास ऋण के सीमित विकल्प उपलब्ध थे, ऋण सुविधाओं की उपलब्धता व्यापक नहीं थी। हालांकि पिछले कुछ सालों के दौरान डिजिटल ऋण एवं फिनटेक स्टार्ट-अप्स में तेजी से बदलाव आया है। तकनीक के इस्तेमाल के चलते ऋण आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से दस्तावेज रहित हो गई है।’ बातचीत में आगे कहा , ‘पेवर्ल्ड छोटे, लघु एवं मध्यम उद्यमों तथा रीटेलरों को आसान ऋण सुविधाएं एवं अल्पकालिक नकदप्रवाह उपलब्ध करा रहा है। ऋण का औसत आकार 30,000 से 50,000 रुपये तक है जबकि अंतिम उपयोगकर्ता के लिए औसत ऋण राशि 10,000 रुपये से कम भी है।”
इस विषय में शनिवार को बातचीत के दौरान कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘लम्बे समय से भारतीय एसएमई सेक्टर के पास ऋण के सीमित विकल्प उपलब्ध थे, ऋण सुविधाओं की उपलब्धता व्यापक नहीं थी। हालांकि पिछले कुछ सालों के दौरान डिजिटल ऋण एवं फिनटेक स्टार्ट-अप्स में तेजी से बदलाव आया है। तकनीक के इस्तेमाल के चलते ऋण आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से दस्तावेज रहित हो गई है।’ बातचीत में आगे कहा , ‘पेवर्ल्ड छोटे, लघु एवं मध्यम उद्यमों तथा रीटेलरों को आसान ऋण सुविधाएं एवं अल्पकालिक नकदप्रवाह उपलब्ध करा रहा है। ऋण का औसत आकार 30,000 से 50,000 रुपये तक है जबकि अंतिम उपयोगकर्ता के लिए औसत ऋण राशि 10,000 रुपये से कम भी है।”
आगे और अधिक ऋणदारों को मिलेगा लाभ
पेवर्ल्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रवीण धबाई ने बताया, ‘जीवन को आसान बनाने के हमारे दृष्टिकोण के मद्देनजर हमने कैपिटल फ्लोट, हैप्पी लोन्स और पे-लेटर के साथ साझेदारी की है ताकि हमारे नेटवर्क में मौजूद रीटेलर अपने कारोबार को बढ़ा सकें। हमने अपने मौजूदा एवं आगामी साझेदारों के सहयोग से वित्त वर्ष 2018-19 तक 1 लाख 55 हजार रीटेलरों को 250 करोड़ रुपये ऋण दिलवाने का लक्ष्य तय किया है।’
पेवर्ल्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रवीण धबाई ने बताया, ‘जीवन को आसान बनाने के हमारे दृष्टिकोण के मद्देनजर हमने कैपिटल फ्लोट, हैप्पी लोन्स और पे-लेटर के साथ साझेदारी की है ताकि हमारे नेटवर्क में मौजूद रीटेलर अपने कारोबार को बढ़ा सकें। हमने अपने मौजूदा एवं आगामी साझेदारों के सहयोग से वित्त वर्ष 2018-19 तक 1 लाख 55 हजार रीटेलरों को 250 करोड़ रुपये ऋण दिलवाने का लक्ष्य तय किया है।’
ग्रामीण भारत के हिस्सों में भी होगा इसका विस्तार
ग्रामीण भारत में रहने वाले लोग आज भी लम्बे पेपर वर्क एवं लोन के बारे में कम समझ के चलते ऋण सेवाओं से वंचित हैं। ऐसे में वे स्थानीय साहूकारों से ऋण लेकर ऊंची ब्याज दरें चुकाते हैं। कैपिटल फ्लोट, हैप्पी लोन और ई-लेटर के सहयोग से पेवर्ल्ड इन ग्रामीणों के लिए ऋण प्रक्रिया को बेहद आसान और सुलभ बनाएगा। इससे संबंधित एक बयान में कहा गया कि इस साझेदारी के माध्यम से पेवर्ल्ड छोटे रीटेलरों को ऋण आसानी से ऋण उपलब्ध करा रहा है।
ग्रामीण भारत में रहने वाले लोग आज भी लम्बे पेपर वर्क एवं लोन के बारे में कम समझ के चलते ऋण सेवाओं से वंचित हैं। ऐसे में वे स्थानीय साहूकारों से ऋण लेकर ऊंची ब्याज दरें चुकाते हैं। कैपिटल फ्लोट, हैप्पी लोन और ई-लेटर के सहयोग से पेवर्ल्ड इन ग्रामीणों के लिए ऋण प्रक्रिया को बेहद आसान और सुलभ बनाएगा। इससे संबंधित एक बयान में कहा गया कि इस साझेदारी के माध्यम से पेवर्ल्ड छोटे रीटेलरों को ऋण आसानी से ऋण उपलब्ध करा रहा है।