इस सिलसिले में केन्द्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों, रेलवे, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक समीक्षा बैठक भी की। जिसमें पोषणयुक्त चावल के वितरण को बढ़ाने पर जोर दिया। इस काम में खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग मदद करेगा। छत्तीसगढ़ समेत कुछ अन्य राज्यों में पहले से ही ऐसे चावल के वितरण का काम जारी है। बैठक में देश के महत्वकांक्षी जिलों में समन्वित बाल विकास योजना/मिड-डे-मील योजना में अच्छी क्वालिटी के चावल का प्रयोग किए जाने पर भी बल दिया गया। इसी के चलते चावल को पोषणयुक्त बनाने और उसके वितरण की योजना को बढ़ावा देने के लिए आपूर्ति चेन और अन्य लॉजिस्टिक जरूरतों के बारे में भी विचार-विमर्श किया गया।
बढ़ाई जाएगी आपूर्ति क्षमता
इस समय पीडीएस की चावल आपूर्ति 350 लाख मीट्रिक टन है। देश में एफआरके की आपूर्ति क्षमता को करीब 1.3 लाख मीट्रिक टन तक बढ़ाने की जरूरत है। साथ ही पोषणयुक्त चावल के लिए उद्योगों को 3.5 लाख मीट्रिक टन एफआरके की आपूर्ति की निरंतरता को बनाना होगा।
इस समय देश में करीब 28,000 चावल मिलें हैं। चावल को बेहतर बनाने के लिए उन्हें ब्लेंडिंग मशीनों का इस्तेमाल करना होगा। एफसीआई का कहना है कि वह इस संबंध में जरूरी निवेश के लिए विभिन्न क्षेत्रों में स्थित चावल मिलों के साथ गठजोड़ करें।
इस समय पीडीएस की चावल आपूर्ति 350 लाख मीट्रिक टन है। देश में एफआरके की आपूर्ति क्षमता को करीब 1.3 लाख मीट्रिक टन तक बढ़ाने की जरूरत है। साथ ही पोषणयुक्त चावल के लिए उद्योगों को 3.5 लाख मीट्रिक टन एफआरके की आपूर्ति की निरंतरता को बनाना होगा।
इस समय देश में करीब 28,000 चावल मिलें हैं। चावल को बेहतर बनाने के लिए उन्हें ब्लेंडिंग मशीनों का इस्तेमाल करना होगा। एफसीआई का कहना है कि वह इस संबंध में जरूरी निवेश के लिए विभिन्न क्षेत्रों में स्थित चावल मिलों के साथ गठजोड़ करें।