मालूम हो कि पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत राशन कार्ड में दर्ज सदस्यों के आधार पर प्रति व्यक्ति पांच किलो अनाज (गेहूं अथवा चावल) मुफ्त दिया जाता है। इसके अलावा प्रति परिवार एक किलो चने की दाल भी मुफ्त दी जाती है। पहले ये योजना जून में खत्म होने वाली थी, लेकिन दस राज्यों ने केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय से योजना की समयसीमा बढ़ाने का अनुरोध किया था। इसके बाद इसे योजना की समय सीमा बढ़ाकर नवंबर तक कर दी गई थी। ऐसे में अब दिवाली और छठ पूजा तक गरीब इसका लाभ ले सकते हैं।
मंत्रालय की ओर से की जा रही मॉनिटरिंग
प्रवासी श्रमिकों की पहचान करने एवं गरीबों को सही समय पर राशन उपलब्ध हो सके इसके लिए उनकी सूची बनाई गई है। ये राज्यवार तैयार की गई है। इसके लिए खाद्य एवं उपभोक्ता मामले के सचिवों और FCI के CMD को निर्देश भी दिए गए हैं। अनाज वितरण का क्रियान्वयन सही तरीके से हुआ है कि नहीं इसकी जांच के लिए मंत्रालय की ओर से इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके लिए टेक्नोलॉजी सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है। बताया जाता है कि वन नेशन वन राशन कार्ड के तहत सरकार ने शुरुआती दौर में राशन बांटने पर 3500 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।