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फसल बीमा योजना से हटवाना चाहते हैं अपना नाम तो 24 जुलाई तक दें जानकारी, वरना हो सकता है घाटा

locationनई दिल्लीPublished: Jul 23, 2020 01:06:49 pm

Submitted by:

Ruchi Sharma

Highlights- हर साल प्राकृतिक आपदा के चलते भारत में किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है- बाढ़, आंधी, ओले और तेज बारिश से उनकी फसल खराब हो जाती है- उन्हें ऐसे संकट से राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) (PM Fasal Bima Yojana) शुरू की है

फसल बीमा योजना से हटवाना चाहते हैं अपना नाम तो 24 जुलाई तक दें जानकारी, वरना हो सकता है घाटा

फसल बीमा योजना से हटवाना चाहते हैं अपना नाम तो 24 जुलाई तक दें जानकारी, वरना हो सकता है घाटा

नई दिल्ली. देश के प्रधानमंत्री (Prime Minister Narendra Modi) ने हर तबके के लिए अलग- अलग कई योजना (Government Yojana) बनाई है। इसके तहत किसानों के हित लिए भी कई योजनाएं बनाई हैं। हर साल प्राकृतिक आपदा के चलते भारत में किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। बाढ़, आंधी, ओले और तेज बारिश से उनकी फसल खराब हो जाती है। उन्हें ऐसे संकट से राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) (PM Fasal Bima Yojana) शुरू की है। यह योजना 2016 में शुरू की गई थी।
24 तारीख तक कर लें ये काम

इसके तहत किसानों (PMFBY Registration) को खरीफ की फसल के लिये 2 फीसदी प्रीमियम और रबी की फसल के लिये 1.5% प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है। वहीं अगर किसान इसका हिस्सा (Pradhan Mantri Fasal Bima Policy) नहीं बनना चाहते पर मजबूरन वह इसका हिस्सा होना पड़ा। एेसे में अगर आप इस योजना का हिस्सा नहीं बनना चाहते है तों बीमा (Pradhan Mantri Fasal Bima Policy) के लिए तय की गई नामांकन की कट-ऑफ तारीख 31 जुलाई से सात दिन पहले यानी 24 तारीख तक अपने बैंक (Bank) शाखा को एक घोषणा पत्र दें।
उसमें कारण बताते हुए अपनी बात को स्पष्ट कीजिए। इस तरह आप योजना (Crop Insurance benefits) से अलग हो सकता हैं। वरना आपकी यह लापरवाही आपकी जेब पर भारी पड़ेगी। बैंक से सीधे पीएम फसल बीमा योजना का प्रीमियम कट जाएगा।

फसल बीमा के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर किसानों से ज्यादा कंपनियों को फायदा मिला है। तीन साल में किसानों, केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा सामूहिक रूप से प्रीमियम के रूप में 76,154 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया जबकि किसानों ने सिर्फ 55,617 करोड़ रुपये की राशि दावों के रूप में प्राप्त की।
किसान क्रेडिट कार्ड का प्रिमियम कट जाता था

फसल बीमा की अजीबोगरीब शर्तों की वजह से कंपनियां फायदे में और किसान घाटे में रहते हैं। जिसके चलते किसान संघ इस योजना को लंबे समय से फसल बीमा को स्वैच्छिक करने की मांग कर रहे थे। इसे स्वीकार करते हुए अब मोदी सरकार ने योजना को सभी किसानों के लिए खरीफ सीजन-2020 से स्वैच्छिक कर दिया है। पहले किसान क्रेडिट कार्ड लेने वालों का प्रीमियम अपने आप कट जाता था।
लोगों को मजबूरन होना पड़ रहा था हिस्सा

2016 में जब इस स्कीम की शुरुआत की गई थी तब सभी लोन लेने वाले किसानों के लिए बीमा योजना (PMFBY) के तहत फसल का इंश्योरेंस करवाना अनिवार्य किया गया था। जिसके चलते लोगों को मजबूरन इसका हिस्सा होना पड़ा था। इस वक्त करीब 58 फीसदी किसान ऋण लेने वाले हैं। अब देखना है कि स्वैच्छिक करने के बाद क्या बीमा करवाने वाले कम हो जाएंगे।

पड़ेगी इन डॉक्यूमेंट की जरूरत

– आधार संख्या
– बैंक पासबुक
– भूमि रिकॉर्ड/ किरायेदारी समझौते
– स्व-घोषणा प्रमाण पत्र

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