अब क्या करें कस्टमर्स
जानकारों की मानें तो इससे बैंक के कस्टमर पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। कस्टमर का पूरा रुपया सेफ है। लेकिन बैंक के शेयरों में गिरावट देखने को मिल सकती है। जिसकी वजह से निवेशकों को नुकसान हो सकता है। वास्तव में डीएचएफएल देश की पहली फाइनेंशियल कंपनी है जिसे बैंकरप्सी कोर्ट में ले जाया गया। इसका कुल कर्ज 85,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का है। डीएफएचएल के मालिक कपिल वधावन पर नी लांड्रिंग का आरोप लगा हुआ है। फॉरेंसिक रिपोर्ट की मानें तो कंपनी ने अपने से जुड़ी कंपनियों और प्रमोटर्स को करीब 24,594 करोड़ रुपए का कर्ज दिया गया था।
ये बैंक भी कर चुके हैं फ्रॉड घोषित
पीएनबी के अनुसार डीएचएफएल अकाउंट के 3,688.58 करोड़ रुपए के फ्रॉड की जानकारी रिजर्व बैंक की जानकारी दे दी है। बैंक नियमों के अनुसार पहले ही 1,246.58 करोड़ रुपए का प्रोविजन किया था। इससे पहले एसबीआई और यूनियन बैंक भी डीएचएफएल को फ्रॉड अकाउंट घोषित कर चुके हैं। प्राइवेट सेक्टर के इंडसइंड बैंक ने भी इसके अकाउंट को फ्रॉड घोषित किया था।