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नीतिगत ब्याज दरों में कटौती
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने देश के लोगों को राहत देते बड़े ऐलान किए। मॉनेटरी पॉलिसी बैठक के बाद शक्तिकांत दास की ओर से ऐलान किया गया कि रेपो रेट में 0.75 फीसदी की कटौती की गई है। जिसके बाद यह दर 4.4 फीसदी हो गई है। वहीं रिजर्व रेपो रेट में 90 अंकों की कटौती के बाद यह दर 4 फीसदी हो गई है। इससे पहले रेपो रेट 5.15 फीसदी था। जबकि रिजर्व रेपो रेट 4.90 फीसदी था। इससे पहले यह एमपीसी की बैठक 3 अप्रैल को होने वाली थी, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से 21 दिनों के लॉकडाउन की वजह से देश के लोगों को राहत देने के लिए इसका आयोजन पहले किया गया।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण देश में कैश का फ्लो काफी कम हो गया है। ऐसे में आरबीआई ने बैंकों को राहत देते हुए कैश रिजर्व रेशो में 100 आधार अंकों की करते हुए 3 फीसदी कर दिया है। आरबीआई की ओर से इसे एक साल के लिए घटाया गया है। आरबीआई गवर्नर के अनुसार सभी कमर्शियल बैंकों को ब्याज और कर्ज अदा करने में 3 महीने की छूट दी जा रही है। इस फैसले से 3.74 करोड़ रुपए की नकदी सिस्टम में आने का अनुमान लगाया गया है।
– लॉकडाउन की वजह से जीडीपी में गिरावट का अनुमान।
– पिछली एमपीसी से अबतक मार्केट में 2.8 लाख करोड़ रुपए की लिक्विडिटी डाली गई।
– बैंक, हृक्चस्नष्टह्य को टर्म लोन पर 3 महीने की मोहलत।
– वर्किंग कैपिटल पर ब्याज भुगतान फिलहाल टाला गया।
– ग्राहकों से डिजिटल सर्विस का इस्तेमाल करने की अपील।
– मार्जिन स्टैंडिंग फैसिलिटी कैप 2 फीसदी से बढ़ाकर 3 फीसदी की।
रिजर्व बैंक ने देश के सभी बैंकों को 3 महीने तक ईएमआई में छूट देने की सलाह दी है। अभी तक ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया है। अब बैंक फैसला लेंगे कि उन्हें अपने कस्टमर को तीन महीने की छूट देनी है या नहीं। साथ ही बैंक ही ये तय करेंगे कि वो कौन से लोन पर ईएमआई की छूट देनी या नहीं। मतलब रिटेल, कमर्शियल या दूसरे तरह के लोन लेने वाले लोगों के लिए अब भी एक तरह का कन्फ्यूजन बना हुआ है।