मिली बड़ी राहत रिजर्व बैंक के कर्मचारियों के इस फैसले से बैंकिंग सेक्टर को बड़ी राहत मिली है। ऐसा माना जा रहा था कि प्रस्तवित छुट्टी की योजना से केंद्रीय बैंक समेत देश के प्रमुख वित्तीय संस्थानों का काम-काज ठप्प हो जाता। हालांकि, संगठन ने कहा कि यदि मुद्दे हल नहीं हुए तो उन्हें मजबूरन दो दिन की हड़ताल करनी पड़ेगी।
क्यों होना था हड़ताल दरअसल पेंशन से जुड़ी अपनी मांगों को लेकर आरबीआई के कर्मचारियों ने 4 और 5 सितंबर को हड़ताल पर रहने का फैसला किया था। रिजर्व बैंक के अधिकारियों व कर्मचारी यूनियन के संयुक्त मंच के अनुसार पेंशन से संबंधित लंबे समय से चली आ रही उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया है। जिसकी वजह से हड़ताल पर जाने का मन बनाया था। यूनियन की मानें तो उनके सदस्य आरबीआई दफ्तर के सामने मौन प्रदर्शन करने वाले थे। हालांकि जानकार मान रहे थे कि इसका असर बैंकिंग सेवाओं पर नहीं होगा।
ये थी मांगे कर्मचारियों की मांग में अंशदान आधारित भविष्य निधि के दायरे में आने वालों के लिए पेंशन को अपडेट करना और 2012 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए सीपीएफ/अतिरिक्त भविष्य निधि का लाभ देना शामिल है। आपको बता दें कि सरकार की आेर से उन्हें अभी तक सिर्फ आश्वासन ही मिलता आया है। जिसकी वजह से कर्मचारियों में रोष बढ़ता जा रहा है। वहीं केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।