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NBFC के लिए नए नियम बनाने पर विचार कर रही RBI, गवर्नर शक्तिकांत दास ने दी जानकारी

Published: Jun 17, 2019 04:48:32 pm

Submitted by:

Shivani Sharma

RBI एनबीएफसी के लिए नए नियम बनाने पर विचार कर रही है
गवर्नर शक्तिकांत दास ने एनबीएफसी संकट से निपटने के लिए योजना बनाई
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने इस पर अपना बयान दिया है

rbi governor

NBFC के लिए नए नियम बनाने पर विचार कर रही RBI, गवर्नर शक्तिकांत दास ने दी जानकारी

नई दिल्ली। आरबीआई ( rbi ) गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ( NBFC ) के लिए नए नियम जारी करने पर विचार कर रही है। गवर्नर शक्तिकांत दास ( Shaktikant Das ) ने NBFC की परेशानियों को कम करने के लिए जरूरी कदम उठाने के बारे में कहा है। इन कंपनियों की वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए आरबीआई काम करेगा। इसका सीधा फायदा बैंकों को होगा।


स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने दिया बयान

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ( state bank of india ) ने बयान जारी करते हुए कहा कि वह एनबीएफसी सेक्टर को कर्ज देना चाहता है औऱ वह यह काम जारी रखेगा। इसके अलावा बैंकों ने कहा कि इस समय उद्योग जगत के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन इन परेशानियों से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है। बैंक इसको लेकर काम कर रहा है।


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नीति आयोग ने भी की वकालत

आपको बता दें कि इससे पहले नीति आयोग ( niti aayog ) भी NBFC को विशेष कर्ज देने के बारे में वकालत कर चुका है। एनबीएफसी के कर्ज देने से कई कंपनियों को बचाया जा सकता है। हाल ही में इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंसियल सर्विसेज ( ILFS ) जैसी कंपनियों के दिवालिया होने का कारण कर्ज का संकट है। इन कंपनियों को समय पर कर्ज न मिल पाने के कारण ही यह दिवालिया की कगार पर पहुंच गई हैं।


NBFC लंबे समय से संकट में घिरी हुई है

एसकोर्ट सिक्योरिटी के हेड आसिफ ( Asif ) ने बताया NBFC लंबे समय से संकट में घिरी हुई है। इसके लिए कंपनियों को बिजनेस मॉडल को समझना होगा। बिना बिजनेस समझे कोई भी काम नहीं कर सकता है। NBFC जैसी कंपनियां बाजार से छोटी अवधि के लिए पूंजी जुटाती हैं और उपभोक्ताओं को कर्ज लंबी अवधि के लिए देती हैं। कंपनियों को पूंजी म्युचुअल फंड, बांड, डिवेंचर, बैंकों से लोन आदि के जरिए मिलती है, जबकि कंपनी के उपभोक्ता 20 साल के होम लोन या बड़े बिल्डर्स होते हैं, जो लंबी अवधि में कर्ज चुकता करते हैं।

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